रायपुर: छत्तीसगढ़ में इस वर्ष के चार महीनों में 63 मुठभेड़ हुईं। इनमें जवानों ने 32 नक्सलियों को मार गिराया और 276 को गिरफ्तार किया। यह जानकारी राज्य के गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने विधानसभा में एक लिखित बयान में दी। वे बुरकापाल में हुई मुठभेड़ में सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के 25 जवानों की शहादत को लेकर सदन में सरकार का पक्ष रख रहे थे। उन्होंने बताया कि इस दौरान हमारे जवानों ने खुफिया सूचनाओं के आधार पर 114 आईईडी जिसका कुल वजन 6 सौ किलोग्राम बताया गया बरामद किया। सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति को सफल बताते हुए उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 से लेकर अब तक 2218 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, तो वहीं उस अवधि में सुरक्षाबलों के सहयोग से चार सौ किलोमीटर से ज्यादा लंबी सड़कों का निर्माण किया गया। छत्तीसगढ़ सुरक्षा बल की चार भारत रक्षित वाहिनियों में कुल 4400 लोगों को रोजगार मिला। गृहमंत्री ने अपने लिखित बयान में कहा कि विपक्ष का खुफिया तंत्र की असफलता वाला बयान भी बेबुनियाद है। अभी तक की आईईडी और हथियारों की बरामदगी, बिना खुफिया सूचनाओं के नहीं हो सकती। लिहाजा, हमें ये मानकर चलना होगा कि हमारा खुफिया तंत्र अपना काम बखूबी कर रहा है। पैकरा ने बताया कि 90 के दशक में मध्य प्रदेश राज्य के समय से ही दोरनापाल-जगरगुंडा तथा इंजरम-भेज्जी मार्गों पर माओवादियों ने अपना प्रभाव बनाकर रखा था।
इन दोनों ही मार्गों का निर्माण पुलिस हाउसिंग सोसाइटी द्वारा कराया जा रहा है। इसकी सुरक्षा में ही हमारे वो जांबाज तैनात थे, जिनकी शहादत हुई। इन दोनों ही मार्गों के बन जाने से वहां लोगों का आवागमन बढ़ेगा, जिससे वहां का विकास होगा। लिखित बयान में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि नक्सली राज्य का विकास नहीं चाहते। उनको मालूम है कि सड़कें बनने से लोगों का आवागमन बढ़ेगा और इलाके का विकास होगा. इसके अलावा तमाम शिक्षण संस्थानों के बनने और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होने से यहां के लोगों को सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी।