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नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने बुधवार को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) को कांग्रेस के खिलाफ उनकी ‘‘आपत्तिजनक'' टिप्पणियों के लिए 48 घंटे तक प्रचार करने से रोक दिया है। निर्वाचन आयोग ने कहा कि पांच अप्रैल को सिरसिल्ला में संवाददाता सम्मेलन में राव की टिप्पणी आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों और उसके परामर्श का उल्लंघन थी। तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री राव पर प्रचार के संबंध में 48 घंटे का प्रतिबंध बुधवार रात आठ बजे से लागू होगा। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला के बाद, राव दूसरे नेता हैं, जिन पर मौजूदा लोकसभा चुनाव में प्रचार करने पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगाया गया है।

चुनाव आयोग ने "उनके विवादित बयानों की कड़ी निंदा करते हुए" आदेश दिया कि वो 48 घंटे तक मौजूदा चुनाव के संबंध में किसी भी सार्वजनिक बैठक, सार्वजनिक जुलूस, सार्वजनिक रैलियां, शो और इंटरव्यू, मीडिया में सार्वजनिक बयान नहीं दे सकते हैं।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): अमित शाह के फर्जी वीडियो मामले पर सीएम रेवंत रेड्डी के वकील ने दिल्ली पुलिस के नोटिस का जवाब देते हुए कहा है कि आईएनसी तेलंगाना ट्विटर अकाउंट को वह संचालित नहीं करते हैं। रेवंत रेड्डी के वकील ने अपना जवाब दाखिल किया है और कहा है कि वह केवल दो ट्विटर अकाउंट (सीएमओ तेलंगाना और उनका निजी अकाउंट) का ही इस्तेमाल करते हैं। इस वजह से दिल्ली पुलिस द्वारा उठाया गया सवाल अप्रासंगिक है। उस वीडियो को अपलोड करने या साझा करने के लिए उनके अकाउंट का इस्तेमाल नहीं किया गया था।

दिल्ली पुलिस ने रेवंत के अलावा 16 लोगों को भेजा नोटिस

बता दें कि इस मामले में दिल्ली पुलिस ने रेवंत रेड्डी के अलावा 16 अन्य लोगों को भी नोटिस भेजा था। सूत्रों के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 160/91 के तहत नोटिस दिया जाता है, तो वह व्यक्ति या तो जांच अधिकारी के सामने उपस्थित हो सकता है या कानूनी प्रतिनिधि भेज सकता है।

गौरतलब है कि अमित शाह के भाषण का एक फेक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा था।

हैदराबाद (जनादेश ब्यूरो): राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार (28 अप्रैल) को कहा कि संघ परिवार ने कभी भी कुछ समूहों को दिए गए आरक्षण का विरोध नहीं किया। हैदराबाद में एक शैक्षणिक संस्थान में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि संघ की राय है कि जब तक जरूरत हो आरक्षण बढ़ाया जाना चाहिए।

भागवत ने दी सफाई: कहा- "झूठा वीडियो किया जा रहा प्रसारित"

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, उन्होंने कहा, "संघ शुरू से ही संविधान के अनुसार सभी आरक्षणों का समर्थन करता रहा है। लेकिन कुछ लोग झूठे वीडियो प्रसारित कर रहे हैं।" मोहन भागवत का यह बयान आरक्षण को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच चल रहे वाकयुद्ध के बीच आया है। आरएसएस प्रमुख भागवत ने पिछले साल नागपुर में कहा था कि जब तक समाज में भेदभाव है, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए। उन्होंने कहा था, भेदभाव अदृश्य होते हुए भी समाज में मौजूद है। भागवत ने कहा, "एक वीडियो प्रसारित किया जा रहा है कि आरएसएस आरक्षण के खिलाफ है और हम इसके बारे में बाहर नहीं बोल सकते।

नई दिल्ली: तेलंगाना के मंचेरियल जिले में एक मिशनरी स्कूल के प्रिंसिपल को छात्रों से उनकी धार्मिक पोशाक को लेकर पूछताछ करना भारी पड़ गया। दरअसल, जब लोगों को प्रिंसिपल की तरफ से छात्रों की धार्मिक पोशाक पर उठाए गए सवाल की जानकारी लगी, तो वे आहत हो गए। लोगों की नाराज भीड़ ने न सिर्फ स्कूल में तोड़फोड़ की, बल्कि कर्मचारियों के साथ मारपीट भी की गई। स्कूल में तोड़फोड़ का वीडियो भी सामने आया है।

प्रिंसिपल ने भगवा कपड़े पहनने पर छात्रों को रोका, स्कूल में तोड़फोड़

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रों के अभिभावकों की शिकायत पर पुलिस ने प्रिंसिपल समेत स्कूल के दो स्टाफ मेंबर्स के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर लिखी है। हालांकि, इतने पर भी मामला शांत नहीं हुआ है। प्रिंसिपल की हरकतों से आहत प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि स्कूल को माफी मांगनी चाहिए।

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