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नई दिल्ली: दिल्ली शराब नीति घोटाला से जुड़े ईडी और सीबीआई केस में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के. कविता की जमानत याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी नीति मामले में बीआरएस नेता के. कविता को बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी।

5 महीने बाद जेल से बाहर आएंगी

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें के. कविता जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दोनों केस में 10-10 लाख रुपये का जमानत बांड भरने, गवाहों से छेड़छाड़ न करने और गवाहों को प्रभावित न करने का निर्देश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को दरकिनार करते हुए के कविता को जमानत दे दी है। हालांकि अदालत ने उन्हें कुछ शर्तों पर जमानत दी है जिसका उन्हें पालन करना होगा। अदालत ने उन्हें सबूतों से छेड़छाड़ न करने को कहा है। इसके साथ ही अदालत ने उन्हें गवाहों को भी प्रभावित न करने को कहा है।

दोनों केस में 10-10 लाख रुपये के बॉन्ड पर जमानत दी गई। पासपोर्ट निचली अदालत के पास जमा करना होगा।

15 मार्च को ईडी ने किया था गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 46 वर्षीय के. कविता को इसी साल 15 मार्च को हैदराबाद के बंजारा हिल्स स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। इसके एक महीने बाद सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया गया था। वह तब से न्यायिक हिरासत में दिल्ली की तिहाड़ जेल में थीं।

हाईकोर्ट ने खारिज की थी जमानत याचिका

इससे पहले, जुलाई में दिल्ली हाईकोर्ट ने के. कविता की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने इसके पीछे यह तर्क दिया था कि वह प्रथम दृष्टया मुख्य आरोपी हैं और जमानत का कोई आधार नहीं हो सकता क्योंकि जांच "महत्वपूर्ण चरण" में है। कोर्ट ने महिला होने के आधार पर भी याचिका खारिज कर दी थी और कहा कि कविता एक शिक्षित व्यक्ति और पूर्व सांसद हैं, इसलिए उन्हें 'कमजोर' नहीं माना जा सकता।

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