हैदराबाद: उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने शनिवार को कहा कि देश को दूसरों से कोई सबक सीखने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह दुनिया में सबसे धर्मनिरपेक्ष है और संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘कृपया याद रखिए कि संस्कृति जीवन जीने का तरीका है और धर्म उपासना पद्धति। तद्नुसार, मैं गर्व के साथ दावा कर सकता हूं कि भारत उस सभ्यता की बुनियाद पर बना है जो मूलत: सहिष्णु है।’’ उन्होंने कहा कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता संविधान के अनुच्छेद 25 से अनुच्छेद 28 के तहत सुनिश्चित मौलिक अधिकार है।
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ हमें किसी से सबक सीखने की जरूरत नहीं है। हाल के कुछ देश अपने यहां हो रही चीजों को बिसार कर हमें प्रवचन देने लगे हैं। यदि, आप नंबर वन ग्रेड देना चाहें तो दुनिया में सबसे अधिक धर्मनिरपेक्ष देश भारतीय सभ्यता, हमारी मातृभूमि भारत है।’’ वह यहां मुफखाम जाह कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलोजी में ग्रेजुएशन डे-2019 कार्यक्रम में बोल रहे थे।
पिछले हफ्ते अमेरिका के विदेश विभाग ने अपनी वार्षिक 2018 अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि भारत में गायों का व्यापार या उनकी हत्या करने की अफवाहों के बीच अल्पसंख्यक समुदायों खासकर मुसलमानों के खिलाफ हिंसक चरमपंथी हिंदू संगठनों द्वारा भीड़ की शक्ल में हमला 2018 में भी जारी रहा।
नायडू ने कहा कि भारत दुनिया के चार बड़े धर्मों-- हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख की जन्मस्थली है और इसके अलावा इस्लाम, ईसाई और पारसी धर्म मनाने वाले लोग भी बड़ी संख्या में भारत में रहते हैं। भारतीय मुसलमान दुनिया में तीसरी सबसे अधिक मुस्लिम जनसंख्या है। भीड़ की हिंसा की घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी घटनाएं हुई हों, 135 करोड़ लोगों का देश है। लेकिन ऐसी घटनाओं का प्रसार नहीं होना चाहिए तथा इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो न कि पूरी देश की ऐसी ब्रांडिंग हो कि जैसे चीजें गलत दिशा में बढ़ रही हैं।