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हैदराबाद: क्षेत्रीय पार्टियों को मिलाकर गैर-कांग्रेस, गैर भाजपा संघीय मोर्चा बनाने के प्रयास तेज करने के लिए तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख एवं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) केरल के अपने समकक्ष पिनरायी विजयन और द्रमुक अध्यक्ष एम. के. स्टालिन से मिलेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार राव सोमवार शाम तिरुवनंतपुरम में विजयन से मुलाकात करेंगे और इस सप्ताह के आखिर में 13 मई को वह चेन्नई में स्टालिन के साथ उनके आवास पर बैठक करेंगे।

जद (एस) नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भी तेलंगाना के मुख्यमंत्री से संपर्क किया है। बयान के अनुसार राव और विजयन ''समकालीन राजनीति" पर चर्चा करेंगे। विजयन केरल में माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार के प्रमुख हैं। इसके अनुसार, ''संसदीय चुनावों के मद्देनजर दोनों मुख्यमंत्री समकालीन राजनीति पर चर्चा करेंगे।" बयान के अनुसार घर लौटने से पहले राव रामेश्वरम और श्रीरंगम मंदिरों में दर्शन करेंगे।

इसमें कहा गया है, ''अभी जारी संसदीय चुनावों के संदर्भ में मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य पर भी दोनों नेताओं के चर्चा करने की संभावना है।" बयान के अनुसार मुख्यमंत्री की केरल और तमिलनाडु की यात्रा के बारे में जानकर कुमारस्वामी ने भी उनसे फोन पर बात की।

कांग्रेस के समर्थन से संयुक्त मोर्चो बनाएगा केंद्र में सरकार: सुधाकर रेड्डी

वरिष्ठ वामपंथी नेता सुरावरम सुधाकर रेड्डी लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में संयुक्त मोर्चा सरकार के गठन की संभावना देख रहे हैं जैसा करीब दो दशक पहले हुआ था। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव रेड्डी महसूस करते हैं कि इस बार न तो संप्रग और न ही राजग को इतना बहुमत मिलेगा कि वे सरकार का गठन कर लें। रेड्डी ने मीडिया से कहा, ''इस बार संसद त्रिशंकु होगी।" उन्होंने कहा, ''हमारा झुकाव भाजपा विरोधी सरकार के गठन को लेकर है। यह मोर्चो जिसका केसीआर (तेलंगाना मुख्यमंत्री) प्रस्ताव कर रहे हैं, वह यह छाप छोड़ने की कोशिश कर रहा है कि क्षेत्रीय दलों को बहुमत मिलेगा। उन्हें बहुमत नहीं मिलेगा।"

उनके अनुसार, उन्हें या तो भाजपा का समर्थन लेना होगा या फिर कांग्रेस से या उन्हें संप्रग या राजग में से किसी एक मोर्चे का समर्थन करना होगा। उन्होंने कहा, ''यह दिखाता है कि वह (केसीआर) भाजपा विरोधी के बजाए कांग्रेस विरोधी अधिक हैं। इसलिए हमें देखो और इंतजार करो, पर चलना होगा। हम केंद्र में गैर-भाजपा, गैर-कांग्रेस सरकार के गठन का विरोध नहीं कर रहे जिसे कांग्रेस समर्थन देगी लेकिन भाजपा के समर्थन वाले मोर्चे को नहीं।"

इस वाम नेता ने अनुमान लगाते हुये कहा, ''यह पहले के बनी संयुक्त मोर्चा (सरकार) जैसा हो सकता है। उनका इशारा 1996 से 1998 में 13 दलों के गठबंधन से बनी सरकार की ओर था जिसे कांग्रेस ने बाहर से समर्थन दिया था। रेड्डी ने दावा किया कि इस बात की संभावना है कि राजग को सर्वाधिक सीटें मिलें लेकिन वह सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत से दूर रहेगी।

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