नई दिल्ली: 'सम-विषम' वाहन योजना पर दिल्ली सरकार के विज्ञापन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 'मफलरमैन' अवतार की भाजपा और कांग्रेस ने आज (गुरूवार) आलोचना की और कहा कि इसमें सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों से खिलवाड़ है और इससे 'कानून की भावना' का उल्लंघन होता है। कैमरा की तरफ उनका पीठ करके केजरीवाल विज्ञापन में अपनी गर्दन और सिर पर मफलर लपेटे दिखते हैं और सम विषम योजना को सफल बनाने के लिए यातायात पुलिस और वालंटियर की प्रशंसा करते हैं। विज्ञापन में केजरीवाल कहते हैं कि हमें लोगों का 'दिल जीतने की जरूरत है' और वालंटियर को सलाह देते हैं कि योजना का उल्लंघन करने वालों से नहीं उलझें। एक मिनट 32 सेकेंड के विज्ञापन में केजरीवाल एक वालंटियर की कहानी भी बताते हैं जिसने उल्लंघन करने वाले एक व्यक्ति का विनम्र तरीके से हृदय परिवर्तन कर दिया।
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि विज्ञापन के माध्यम से सत्तारूढ़ आप ओछी राजनीति में संलिप्त है जबकि कांग्रेस प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी का मानना है कि कानून और संस्थानों का केजरीवाल सम्मान नहीं करते। गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री का कृत्य अनैतिक है और लोगों को कानून का उल्लंघन करने के लिए प्रोत्साहित करता है। उन्होंने कहा, तकनीकी रूप से चेहरा नहीं दिखने से फर्क नहीं पड़ता। एक नागरिक के तौर पर उन्होंने अच्छा उदाहरण पेश नहीं किया। शर्मिष्ठा ने कहा कि सरकार योजना के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विज्ञापन के दूसरे प्रारूप को अपना सकती थी। उन्होंने कहा, वह कामकाज के नियमों की परवाह नहीं करते। कानून की भावना का उल्लंघन करते हैं। क्या वह संस्थानों का सम्मान नहीं करते?