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नई दिल्ली: खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही उसे असम के डिब्रूगढ़ भेज दिया गया है। अमृतपाल की गिरफ्तारी पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने पंजाब पुलिस और पंजाब की भगवंत मान सरकार की तारीफ की है। आप सांसद संजय सिंह ने एक वीडियो जारी कर कहा, "पंजाब की 'आप' सरकार किसी भी हालत में पंजाब की शांति भंग नहीं होने देगी। राज्य के लोगों की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। हमने दिखा दिया कि जरूरत पड़ने पर लोगों के लिए हम सख़्त से सख़्त कदम उठाने की भी हिम्मत रखते हैं। इसके साथ ही आप नेता संजय सिंह ने जनता से इस मामले को लेकर शांति बनाए रखने और भ्रामक खबरों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है।

पंजाब पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के संयुक्त अभियान में रविवार सुबह अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। अमृतपाल सिंह पिछले 36 दिनों से पंजाब पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों को चकमा देता रहा और पंजाब- हरियाणा और दिल्ली में फरारी काटता रहा था।

चंडीगढ़: अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी पर पंजाब पुलिस के आईजी सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि अमृतपाल के खिलाफ एनएसए के तहत वारंट जारी हुए थे, जिसके बाद उसकी गिरफ़्तारी एनएसए के तहत की गई है। आईजी ने कहा, "हमने ऑपरेशन चलाकर सुबह 6:45 बजे अमृतपाल सिंह को गिरफ़्तार किया था। उन्होंने कहा कि इस पूरे ऑपरेशन के दौरान पंजाब के लोगों ने शांति, क़ानून व्यवस्था बनाए रखी, जिसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं। इसके साथ ही आईजी ने पंजाब के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।

पंजाब पुलिस के आईजी गिल ने कहा कि हमारे पास खास जानकारी थी, जिसमें हमको पता था कि वह रोडे गांव के गुरुद्वारे में मौजूद है। हमने गुरुद्वारा साहिब की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए उसको गिरफ़्तार किया है। उसको गिरफ़्तार करने के बाद उसे असम की डिब्रूगढ़ रवाना कर दिया गया है। महीनों से फरार चल रहे अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने आज मोगा जिले में गिरफ्तार कर लिया है। उसके बाद उसे डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया है।

मोगा (पंजाब): भगोड़े अमृतपाल सिंह ने पुलिस को 36 दिनों तक चकमा देने के बाद आज यानी 23 मार्च की सुबह पंजाब के मोगा में आत्मसमर्पण कर दिया। मोगा जिले के रोडे गांव में एक गुरुद्वारे में अमृतपाल ने एक सभा को संबोधित किया, इसके बाद मोगा पुलिस ने अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया। वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल पर हत्या समेत कई केस दर्ज है और एनएसए भी लगा है। पंजाब पुलिस ने भी सोशल मीडिया पर अमृतपाल की गिरफ्तारी की खबर साझा की। 

मोगा खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का पैतृक गांव है। अमृतपाल सिंह खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का अनुयायी होने का दावा करता है और अपने समर्थकों के बीच "भिंडरावाले 2.0" के रूप में जाना जाता है। अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद उसे असम के डिब्रूगढ़ जेल ले जाया गया है। जहां उसके आठ सहयोगी पहले से ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत बंद हैं।

अमृतपाल 18 मार्च से फरार चल रहा था, उसके गिरफ्तार होने पर पुलिस ने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने और अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद किसी भी फर्जी खबर को साझा करने से बचने की अपील की है।

अमृतसर (पंजाब): खालिस्तानी समर्थक भगोड़ा अमृतपाल की पत्नी को पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट से हिरासत में लिया गया है। पंजाब पुलिस के सूत्रों का कहना है कि अमृतपाल की पत्नी लंदन जाने की फिराक में थी। पंजाब पुलिस के सूत्रों ने बताया कि भगोड़े उपदेशक अमृतपाल सिंह की पत्नी को लंदन की उड़ान में सवार होने से पहले अमृतसर हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया है। वहीं अब एयरपोर्ट पर ही पंजाब पुलिस की टीम किरणदीप कौर से पूछताछ कर रही है।

मिली जानकारी के अनुसार, किरणदीप कौर की फ्लाइट का समय 1.30 बजे है। वह 11.30 पर एयरपोर्ट पहुंची थी। पूछताछ अभी भी जारी है।

बता दें कि किरणदीप कौर एनआरआई है। 28 साल की किरणदीप और अमृतपाल की शादी 10 फरवरी को हुई थी। पुलिस अमृतपाल की पत्नी से न केवल उसके पति के ठिकाने के बारे में बल्कि उसके काम के बारे में भी पूछताछ कर रही है। किरणदीप कौर अलगाववादी संगठन बब्बर खालसा के संपर्क में थी। 2020 में यूके में पुलिस की रडार पर आ गई थी।

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