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चंडीगढ़: करतारपुर गलियारा के रास्ते पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या बेहद कम रहने के बीच बुधवार को एसजीपीसी ने श्रद्धालुओं की कम संख्या के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यह प्रक्रिया सरल होनी चाहिए। शीर्ष गुरुद्वारा निकाय ने सुझाव दिया कि प्रक्रिया को सरल बनाने के उपायों के हिस्से के रूप में आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए केंद्र उसे अधिकृत करे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ नवंबर को करतारपुर गलियारे का भव्य उद्घाटन किया था। उसके बाद पहले तीन दिनों में, करतारपुर गलियारे के जरिए सिर्फ 897 श्रद्धालु ही पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गए।

एक आव्रजन अधिकारी ने बताया कि 10 नवंबर को 229 तीर्थयात्री ही आए जबकि 11 नवंबर को 122 और 12 नवंबर को 546 श्रद्धालु आए। ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया के बारे में लोगों में जागरूकता का अभाव, पासपोर्ट की आवश्यकता और पाकिस्तान द्वारा लिए जा रहे सेवा शुल्क तीर्थयात्रियों की कम संख्या के लिए जिम्मेदार हैं।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के मुख्य सचिव रूप सिंह ने बुधवार को मीडिया से कहा कि तीर्थयात्रियों के पंजीकरण की ऑनलाइन प्रणाली आम लोगों के लिए जटिल प्रक्रिया है। इसका पालन करना उनके लिए बहुत मुश्किल है। सिंह ने जोर दिया कि इस प्रक्रिया को सरल बनाया जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि तीर्थयात्रियों को उनके पासपोर्ट के आधार पर पाकिस्तान में दरबार साहिब जाने की अनुमति दी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों का पासपोर्ट देखने के बाद सिख तीर्थस्थलों पर जाने के लिए परमिट जारी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग करतारपुर साहिब की यात्रा करने के इच्छुक हैं लेकिन ऑनलाइन प्रणाली जाने वाले लोगों की संख्या कम रहने के कारणों में से एक है। सिंह ने कहा, ‘‘केंद्र तीर्थयात्रियों का पासपोर्ट लेने और अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए एसजीपीसी को भी अधिकृत कर सकता है।’’

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