चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के कार्यालय ने यह बात स्पष्ट कर दी है कि करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए वे पाकिस्तान नहीं जा रहे हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी सूचना के मुताबिक अमरिंदर सिंह कॉरिडोरके जरिए जाने वाले पहले जत्थे में शामिल होकर केवल करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में दर्शन करने जाएंगे। प्रेस रिलीज में आगे बताया गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भी सिर्फ पंजाबी जत्थे में शामिल होने की सहमति दी है, उनके ओपनिंग सेरेमनी में शामिल होने की बात पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
प्रेस रिलीज में आगे बताया गया है कि अमरिंदर सिंह ने कहा है कि मेरे जाने का सवाल ही नहीं होता और मुझे लगता है कि ठीक वैसे ही डॉ. मनमोहन सिंह भी नहीं जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान जाने और कॉरिडोर के जरिए गुरुद्वारा जाने में जमीन-आसमान का अंतर है। अमरिंदर सिंह ने आगे कहा कि जहां तक पाकिस्तान जाने की बात है, तो वे तब तक वहां नहीं जाएंगे जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को बंद नहीं कर देता है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सीमापार आतंकवाद से सबसे ज्यादा दिक्कत पंजाब को झेलनी पड़ती है और जब तक यह बंद नहीं होता तब तक वे वहां जाने की सोच भी नहीं सकते।
उल्लेखनीय है कि करतारपुर कॉरिडोर श्रद्धालुओं के लिए 9 नवंबर को खोला जाएगा। पाकिस्तान के विदेश मंत्री एसएम कुरैशी ने पिछले शुक्रवार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आमंत्रित करने की बात कही थी। कुरैशी ने कहा, "हम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में आमंत्रित करना चाहेंगे। वह सिख समुदाय का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। हम उन्हें औपचारिक आमंत्रण भी भेजेंगे।" पाकिस्तान ने कूटनीतिक चाल चलते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रण नहीं भेजा, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को आमंत्रित किया है। पाकिस्तान की यह कूटनीति सफल नहीं हुई।
इसके बाद मीडिया में खबरें आई थीं कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह करतारपुर साहिब के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेने के लिए वहां जाएंगे। लेकिन इस मसले पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बात स्पष्ट कर दी है और उन खबरों का खंडन किया है कि डॉ. मनमोहन सिंह करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे।