चंडीगढ़: पंजाब पुलिस ने तरनतारन में भिखीविंड रोड पर छबाल इलाके में स्थित एक चावल के गोदाम से एक आधा जला हुआ ड्रोन बरामद किया है। दस किलो वजन उठाने में सक्षम जीपीएस युक्त ड्रोन ने हथियार, गोला-बारूद और नकली करेंसी उतारने के लिए पाकिस्तान से आठ बार उड़ान भरी। बुधवार को पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ। एक अधिकारी ने कहा कि यह पंजाब में पहली घटना है, जिसमें सीमा पार से ड्रोन का इस्तेमाल हथियारों और संचार उपकरणों को गिराने के लिए किया गया।
अधिकारी ने कहा कि ऑपरेशन में इस्तेमाल किया गया आधा जला ड्रोन तरनतारन से बरामद किया गया है। पंजाब पुलिस ने रविवार को पाकिस्तान और जर्मनी में छिपे गुटों द्वारा समर्थित खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने का दावा किया था। यह भी कहा गया कि आतंकी संगठन पंजाब और आसपास के राज्यों में हमले की एक सीरीज शुरू करने की साजिश कर रहे थे। आतंकी मॉड्यूल के चार सदस्य - बलवंत सिंह, उर्फ निहंग, आकाशदीप सिंह, उर्फ आकाश रंधावा, हरभजन सिंह और बलबीर सिंह को उसी दिन तरनतारन के चोहला साहिब गांव के बाहरी इलाके से गिरफ्तार किया गया था।
पंजाब पुलिस के काउंटर-इंटेलिजेंस विंग के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ के दौरान, यह बात सामने आई कि तरनतारन जिले में सीमा पार से हथियार और गोला-बारूद पहुंचाने के लिए जीपीएस-फिट ‘बड़े’ ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। अधिकारी ने कहा, ‘हथियार और गोला-बारूद पहुंचाने के लिए ड्रोन को सात से आठ बार सीमा पार से भेजा गया था। यह ड्रोन एक बार में 10 किलो तक वजन उठा सकता था।
पांच एके -47 राइफल, 16 मैगजीन और 472 राउंड गोला बारूद, चार चीनी निर्मित .30 बोर पिस्तौल, आठ मैगजीन और 72 राउंड गोला बारूद के साथ, नौ हैंड ग्रेनेड, उनके सहायक उपकरण के साथ पांच सैटेलाइट फोन, दो मोबाइल फोन, दो वायरलेस सेट और 10 लाख रुपये के अंकित मूल्य वाली नकली मुद्रा जब्त की गई है। हालांकि जांच चल रही है, लेकिन यह माना जा रहा है कि हथियारों का इस्तेमाल जम्मू और कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए किया जाना था।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा निरस्त होने के बाद, हथियारों के वितरण के लिए ड्रोन के इस्तेमाल को पाकिस्तान की भयावह साजिश पर एक नया और गंभीर तरीका करार दिया था।
एनआईए को जांच सौंपेगी पंजाब सरकार
पंजाब पुलिस की जांच में पता चला है कि केजेडएफ का पाकिस्तान स्थित प्रमुख रणजीत सिंह उर्फ नीटा और उसका जर्मनी में सहयोगी गुरमीत सिंह उर्फ बग्गा सीमा पार से हथियारों की डिलीवरी में शामिल थे। पंजाब सरकार ने इस पूरे मामले को पहले ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपने का फैसला कर लिया है।