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पटना: बिहार के सबसे लोकप्रिय त्योहार चार दिवसीय पर्व छठ पूजा के तीसरे दिन रविवार की शाम श्रद्धालुओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर देवी ‘छठी मैया’ की पूजा की। राजधानी पटना में पवित्र नदी गंगा के विभिन्न घाटों और तालाब किनारे राज्य के विभिन्न भागों में श्रद्धालु डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर देवी ‘छठी मैया’ की पूजा अर्चना करते नज़र आए।

बिहार सरकार द्वारा इस महापर्व को लेकर राज्य भर में व्यापक व्यवस्था की गई है। अधिकारियों ने बताया कि छठ पूजा के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पटना जिला प्रशासन ने यहां गंगा नदी के सभी 100 घाटों पर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है। इसके अलावा, पटना के विभिन्न घाटों पर कई चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए राज्य की राजधानी में लगभग 5000 अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, शहर के विभिन्न घाटों पर 300 से अधिक राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और एनडीआरएफ के जवान तैनात किए गए हैं।

भगवान भास्कर की आराधना के इस महापर्व के प्रथम दिन शुक्रवार की प्रातः व्रती अपने परिवार के सदस्यों के साथ राजधानी पटना के समीप से गुजर रही गंगा नदी के विभिन्न घाटों सहित राज्य की अन्य नदियों के घाटों व तालाबों किनारे पहुंचे तथा स्नान एवं सूर्य उपासना के साथ नहाय-खाय की रस्म पूरी की थी।

सूर्य उपासना के इस पावन पर्व पर नहाय-खाय के अगले दिन यानि शनिवार को व्रतियों ने निर्जला उपवास रखकर खरना किया गया और दूध, चावल व गुड़ से बनी खीर एवं रोटी का भोग लगाया गया।

व्रतियों का 36 घंटों का निर्जला उपावास 19 नवंबर को रविवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य और 20 नवंबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण के साथ पूरा होगा।

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