पटना: महाराष्ट्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष आदित्य ठाकरे ने आज बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से पटना में उनके आवास पर पहुंचकर मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद आदित्य ठाकरे ने पत्रकारों से कहा कि ''तेजस्वी से हमारी पहले से बातचीत होती रहती थी, मुलाकात नहीं हो पाई थी। बातें तो होती रहीं, सोचा मुलाकात भी हो जाए। पहले से संबंध अच्छे हैं और मुझे यकीन है कि यह दोस्ती आगे चलती रहेगी।''
आदित्य ठाकरे ने कहा कि, ''देश में जो भी युवक देश के लिए काम करना चाहते हैं, लोकतंत्र के लिए काम करना चाहते हैं, वे आपस में बातचीत करते रहें तो देश में कुछ अच्छा हो। राजनीति की जो बात है, चुनाव की बात है, यह हमने यहां नहीं की। ये बातें तो राजनीतिक पक्ष करते रहते हैं। आज लेकिन सबसे अहम बात यही थी कि मुलाकात करना जरूरी था। पहले से संबंध (तेजस्वी से) अच्छे हैं और मुझे यकीन है कि यह दोस्ती आगे चलती रहेगी।''
इस मौके पर तेजस्वी यादव ने कहा कि, ''हमारा देश युवा देश है। ज्यादातर आबादी युवाओं की है. जब कोई युवा पॉलिसी मेकिंग और डिसीजन मेकिंग में आता है, नेतृत्व करता है तो यह बड़ी खुशी की बात है। मुख्यमंत्री जी से भी शिष्टाचार मुलाकात हुई है।''
विपक्ष के एकजुट होने से संबंधित पत्रकारों के सवाल पर तेजस्वी यादव ने कहा कि, ''जो महाराष्ट्र में हुआ, सब लोग जानते हैं। भाजपा ने एजेंसियों को दुरुपयोग किया और पैसों का खेल खेला। बिहार में हम लोगों ने मिलकर सबक सिखाया। यह पूरा देश जान रहा है। हम लोगों का एक मात्र एजेंडा है कि देश में शांति बनी रहे, देश तरक्की करे। डेवलपमेंट के जो असली मुद्दे हैं, उन पर चर्चा हो।''
पटना में आदित्य ठाकरे के साथ शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के नेता अनिल देसाई और प्रियंका चतुर्वेदी भी तेजस्वी यादव से मिलने के लिए पहुंचे। महाराष्ट्र और बिहार के इन दोनों नेताओं की यह शिष्टाचार भेंट थी। इस मुलाकात के बाद आदित्य ठाकरे और तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद देश में कई स्तरों पर चल रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी और एनडीए से नाता तोड़कर राष्ट्रीय जनता दल और अन्य पार्टियों के साथ बिहार में नई सरकार के गठन के साथ ही विपक्ष से एकजुट होने का आह्वान किया था।
उधर महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के हाथ से सत्ता छिन जाने और महाविकास अघाडी की सरकार गिरने के बाद इस गठबंधन में शामिल दल भी बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की बात कह रहे हैं। कांग्रेस के अलावा महाविकास अघाडी का हिस्सा रहे शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट और एनसीपी भी बीजेपी के खिलाफ विपक्ष के लामबंद होने की बात कह रही है।
शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के नेता और उद्धव के पुत्र आदित्य ठाकरे के बिहार के दौरे को विपक्ष को एकजुट करने के प्रयास के रूप में ही देखा जा रहा है।