उज्जैन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को महाकाल लोक का लोकार्पण किया। इस मौके पर अपने संबोधन में पीएम ने कहा, "महाकाल उज्जैन की ये ऊर्जा, ये उत्साह, 'महाकाल लोक' में लौकिक कुछ भी नहीं है। जब भारत का भौगोलिक स्वरूप आज से अलग रहा होगा तब से ये माना जाता है कि उज्जैन भारत के केंद्र में हैं। शंकर के सानिध्य में कुछ भी साधारण नहीं है, असाधारण है।" पीएम ने कहा, "हमारी तपस्या और आस्था से जब महाकाल प्रसन्न होते हैं तो उनके आशीर्वाद से ही ऐसे ही भव्य स्वरुप का निर्माण होता है और महाकाल का जब आशीर्वाद मिलता है तो काल की रेखाएं मिट जाती हैं। उज्जैन के कण-कण में आध्यात्म है। यहां कालचक्र का 84 कल्पों का प्रतिनिधित्व करते 84 शिवलिंग हैं।"
पीएम मोदी ने कहा कि, "जहां भगवान श्रीकृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की। महाकाल लोक में सबकुछ अद्वितीय है। सब कुछ अलौकिक है। उज्जैन भारत की आस्था का केंद्र रहा है। उज्जैन ने हजारों वर्षों तक भारत की संपन्नता और समृद्धि का, ज्ञान और गरिमा का, और साहित्य का नेतृत्व किया है।
उन्होंने कहा, किसी राष्ट्र का सांस्कृतिक वैभव इतना विशाल तभी होता है, जब उसकी सफलता का परचम, विश्व पटल पर लहरा रहा होता है। सफलता के शिखर तक पहुंचने के लिए ये जरूरी है कि राष्ट्र अपने सांस्कृतिक उत्कर्ष को छुए, अपनी पहचान के साथ गौरव से सर उठाकर खड़ा हो।"
पीएम ने कहा, "आजादी के अमृतकाल में भारत ने गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और अपनी विरासत पर गर्व जैसे पंच प्राण का आहृवान किया है। इसलिए आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरी गति से हो रहा है। काशी में विश्वनाथ धाम भारत की संस्कृति का गौरव बढ़ा रहा है।"
900 मीटर से अधिक लंबा महाकाल लोक कॉरिडोर पुरानी रुद्र सागर झील के चारो तरफ फैला है. 856 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस कॉरिडोर मध्य प्रदेश की तीर्थ नगरी उज्जैन में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यहां आपको बलुआ पत्थरों से बने जटिल नक्काशीदार 108 अलंकृत स्तंभों की एक आलीशान स्तम्भावली, फव्वारों और शिव पुराण की कहानियों को दर्शाने वाले 50 से अधिक भित्ति-चित्रों की एक श्रृंखला नजर आएगी। मध्य प्रदेश के सबसे बड़े तीर्थ स्थलों में से एक उज्जैन के इस कॉरिडोर के बनने के बाद महाकाल मंदिर परिसर दस गुना बड़ा हो गया है।