नई दिल्ली: मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में एग्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी की जीत पक्की बताई गई है। इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में उपचुनाव में भाजपा ने बाजी मारी है। इसके अनुसार भाजपा के खाते में 16 से 18 सीटें जा सकती हैं। वहीं, कांग्रेस 10 से 12 सीटें जीत सकती है। ऐसे में शिवराज सिंह चौहान अपनी सरकार बचाते दिख रहे हैं। भाजपा को 46 फीसदी तो कांग्रेस को 43 फीसदी वोट मिलने का अनुमान जताया जा रहा है।
मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को हुए उपचुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। उपचुनाव के ये परिणाम न केवल प्रदेश की भाजपा सरकार के भाग्य का फैसला करेंगे, बल्कि प्रदेश के तीन क्षत्रपों- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के राजनीतिक भविष्य पर भी असर डालेंगे। बता दें कि इस साल मार्च में राज्य में सत्ता के लिए जो राजनीतिक उठापटक हुई थी, उसमें ये तीनों प्रभावशाली नेता शामिल थे।
इस उठापटक में कमलनाथ के नेतृत्व वाली 15 महीने पुरानी कांग्रेस नीत सरकार गिराने में सिंधिया की अहम भूमिका रही थी। सिंधिया के मार्च में कांग्रेस छोड़ भाजपा में आने के बाद उनके समर्थन वाले कांग्रेस के 22 विधायक भी भाजपा में शामिल हो गए थे। इससे कमलनाथ की तत्कालीन सरकार अल्पमत में आ गई थी, जिसके कारण कमलनाथ ने 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और इसके बाद चौहान के नेतृत्व में 23 मार्च को फिर भाजपा की सरकार बनी।
राजनीतक विशेषज्ञों का कहना है कि अगर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा उपचुनाव वाली इन 28 सीटों में से 15 से अधिक पर जीत दर्ज कर लेती है तो पार्टी में उनका कद और भी बढ़ जाएगा। चौहान अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से आते हैं और प्रदेश में इस वर्ग की जनसंख्या 50 फीसदी से अधिक है। विश्लेषकों के अनुसार मार्च में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने चौहान को चौथी बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का दायित्व दिया था, क्योंकि जनता में उनकी छवि अच्छी है।