भोपाल: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्रीय सरकार सबसे ज्यादा जोर स्वच्छता और शौचालय निर्माण पर दे रही है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी देश में साढ़े चार करोड़ शौचालय बनने का दावा किया था, मगर रविवार को शाह जिस आदिवासी के घर भोजन करने गए, उसके यहां शौचालय ही नहीं था। अमित शाह भोपाल के तीन दिवसीय प्रवास पर हैं और रविवार को उनके प्रवास का आखिरी दिन है। वह आज (रविवार) दोपहर सेवनियां गौड़ गांव में आदिवासी कमल सिंह उईके के घर पहुंचे और जमीन में बैठकर दाल-बाटी खाई। अमित शाह के लौटने के बाद संवाददाताओं ने जब कमल सिंह से उसकी आय के जरिये और घर की स्थिति को लेकर सवाल किए तो उसने बताया कि वह मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं, उसके परिवार में सात सदस्य है, मगर शौचालय नहीं है, इसके लिए उन्होंने आवेदन भी दिया है, मगर नंबर अभी तक नहीं आया है। शौच के लिए बाहर जाने पर सभी को परेशानी होती है। कमल की पत्नी ने भी अपनी शौचालय संबंधी समस्या का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि गांव में शौचालय बन रहे हैं, हो सकता है कि उसके यहां भी जल्दी बन जाए. कमल के बेटे को तो इस बात का भरोसा है कि शाह के आने के बाद तो उनके घर में शौचालय बन ही जाएगा। क्षेत्रीय विधायक और राज्य सरकार के राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता से जब संवाददाताओं ने कमल के घर में शौचालय न होने का सवाल किया, तो उन्होंने उल्टा मीडिया पर ही नकारात्मक चीजें देखने का आरोप मढ़ दिया। साथ ही कहा कि दूसरी तरफ तो देखें उन घरों में शौचालय बन चुके हैं या बन रहे हैं। उधर, कांग्रेस ने राज्य सरकार और शाह पर हमला बोलते हुए कहा कि इससे भोपाल के 'खुले में शौच मुक्त' होने के दावे की पोल खुल गई है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश को लेकर भाजपा अध्यक्ष शाह द्वारा किए गए दावों की कलई उन्हीं के सामने खुल गई। अपनी पार्टी की सरकार को 100 नंबर देने वाले शाह को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से जवाब मांगना चाहिए।