मंदसौर: मध्य प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक किसान सड़कों पर हैं । मध्य प्रदेश में कर्ज माफी और फसलों की उचित कीमत मांगने को लेकर किसानों का आंदोलन बेकाबू हो गया है। मंदसौर में किसान आंदोलन बुधवार को और भड़क गया। मंगलवार को फायरिंग में छह किसानों की मौत से गुस्साए किसानों ने 100 से ज्यादा वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की। इस घटना के बाद मंदसौर के डीएम स्वतंत्र सिंह और एसपी को हटा दिया गया है। दूसरी ओर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज (गुरूवार) मध्य प्रदेश के लिए रवाना हुए हैं। राहुल आंदोलन में मारे गए किसानों के परिजनों से मिलेंगे। राज्य के 4 जिलों रतलाम, नीमच, मंदसौर और उज्जैन में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद किये गए हैं। कांग्रेस एवं किसान यूनियनों द्वारा सामूहिक रूप से आहूत राज्यव्यापी बंद के दौरान आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने बुधवार (7 जून) मंदसौर, देवास, नीमच खरगौन, धार, इंदौर, सीहोर एवं उज्जैन सहित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लूटपाट, आगजनी, तोड़फोड़ एवं पथराव किया। इसमें एक दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इसके अलावा कई जगहों पर सड़क यातायात अवरद्ध किया गया। देवास रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन को रोका गया और देवास जिले में इन्दौर-भोपाल मार्ग पर नेवरी फाटक के पास चार चाटेर्ड बसों सहित 12 वाहनों को आग लगा दी गई।
पुलिस ने हिंसक प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए कई स्थानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ-साथ लाठीचार्ज भी किया। इस पूरे घटनाक्रम पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया, मैं खुद एक किसान हूँ और किसानों की परेशानी समझता हूँ। आप निश्चिंत रहें, आपकी सारी बातों पर सरकार अमल कर रही है। उन्होंने किसानों से शान्ति बनाये रखने की अपील की। साथ ही कहा कि किसान अफवाहों पर ध्यान न दें। मंदसौर में पुलिस फायरिंग में 6 किसानों के मारे जाने पर कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज सिंह और गृह मंत्री से इस्तीफा मांगा है। दिग्विजय सिंह ने आज ट्वीट किया, मंदसौर के जिला कलेक्टर ने कहा- "मैंने गोली चलाने के आदेश नहीं दिये।" उसके बाद मप्र के गृह मंत्री ने कहा-" पुलिस ने गोली नहीं चलाई।" फिर कांग्रेस नेता ने सवाल किया, तो क्या किसानों ने एक दूसरे पर गोली चलाई या आत्महत्या की? हद हो गई शासन व प्रशासन क्या मूर्खतापूर्ण बयान दे रहा है। उन्होंने अगला ट्वीट किया, मुख्यमंत्री और गृह मंत्री तत्काल इस्तीफा दें।पूरे मामले की न्यायिक जांच हो और किसानों की मांगे मंजूर हों।इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघ्वी ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, किसान लगाते हैं कर्जमाफी की गुहार और भाजपा करती है गोलियों की बौछार। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि बिचौलियों से किसान हैं बेहाल, भाजपा ने उनको दे दी है बंदूकों की नाल। कथित रूप से पुलिस फायरिंग में 6 किसानों की मौत के बाद आज (बुधवार) किसानों को समझाने गए मंदसौर के डीएम स्वतंत्र कुमार पर भी किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। आंदोलनकारियों ने उनकी बातों को समझने की बजाए उनके साथ धक्का-मुक्की की। किसी तरह कुछ किसानों ने उन्हें वहां से निकाल कर उनकी कार में बैठाया और उन्हें रवाना किया। मंदसौर के साथ-साथ रतलाम, नीमच ज़िले में मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है ताकि अफ़वाहों से बचा जा सके। पूरे मंदसौर जिले में धारा 144 लगाई गई है। विरोध कर रहे किसान अपनी फसलों के लिए ज्यादा समर्थन मूल्य समेत 20 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। दरअसल किसानों की मांग है कि सीएम शिवराज सिंह चौहाण खुद वहां पहुंचे। उधर घटना के बाद डीएम स्वतंत्र कुमार ने कहा कि कहीं फायरिंग का आदेश नहीं दिया गया, हमने किसानों को कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। किसानों की मौत को लेकर सरकार दावा कर रही है कि पुलिस ने फायरिंग की ही नहीं। सूबे के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने खुद पुलिस फ़ायरिंग से ही इनकार कर दिया है। इधर, मृतक के परिवारवाले अंतिम संस्कार को राज़ी हो गए हैं। पहले वे सीएम के आने की मांग कर रहे थे। मरने वाले किसानों के परिवारों को दिए जाने वाला मुआवज़ा 10 लाख से 10 गुना बढ़ाकर एक करोड़ कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने इस मामले में कांग्रेस पर किसानों को भड़काने का आरोप लगाया है। शिवराज ने कहा कि कांग्रेस इस मामले पर राजनीति कर रही है। उन्होंने जनता से शांति की अपील की है। दरअसल मंदसौर में मंगलवार को आंदोलनकारियों ने 8 ट्रक और 2 बाइक को आग के हवाले कर दिया और पुलिस सीआरपीएफ पर पथराव भी किया। इस दौरान स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें 6 किसानों की मौत हो गई। इसके बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया। घटना के विरोध में किसान संगठनों और कांग्रेस ने बुधवार को मध्यप्रदेश बंद का एलान किया है। राहुल गांधी और हार्दिक पटेल भी आज मंदसौर पहुंचेंगे और किसानों से मुलाकात करेंगे। इस बीच मामले पर राजनीति तेज़ हो गई है। कांग्रेस ने आज इस मुद्दे पर सूबे में बंद बुलाया है। राहुल गांधी ने किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अपना अधिकार मांगने पर सरकार किसानों पर गोली चला रही है। राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा, 'भाजपा के न्यू इंडिया में किसान अपना अधिकार मांग रहे हैं और बदले में उन्हें गोलियां मिल रही हैं।' उनकी पार्टी ने भी लिखा है कि जो हमें खाना खिलाते हैं, सरकार उन्हें गोली खिला रही है। हालांकि गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि किसानों पर गोलियां पुलिस ने नहीं बल्कि असामाजिक तत्वों और षड्यंत्रकारियों ने चलाईं। वहीं, मंदसौर जिले की प्रभारी मंत्री अर्चना चिटनीस ने घटना को सियासी साजिश बताते हुए मादक पदार्थ तस्करों और कांग्रेस को इसके लिए जिम्मेदार बताया है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने पूरी घटना के न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। इस बीच, हालात बेकाबू देख मंदसौर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं अफवाहों को रोकने के लिए जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंदसौर गोलीकांड में मारे गए किसानों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सबसे पहले फायरिंग में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की राशि देने की बात कही थी। कुछ ही देर बाद उन्होंने ट्वीट करते हुए सहायता राशि 10 लाख रुपये और गंभीर घायलों को एक लाख रुपये की मदद देने की घोषणा की। वहीं, देर रात को उन्होंने मुआवजा राशि बढ़ाकर एक करोड़ कर दी। साथ ही मृतकों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश पहले ही दे चुके हैं। मंदसौर में किसानों पर पुलिस की फायरिंग के बीच प्रशासन ने इलाके में इंटरनेट सेवाओं पर बैन लगा दिया है। मंदसौर, रतलाम और उज्जैन में इंटरनेट सेवा पूरी तरह बंद कर दी गई है। साथ ही बल्क मैसेज करने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। किसानों के प्रदर्शन के चलते प्रदेश में दूध, सब्जी सहित अन्य रोजमर्रा की चीजों के दाम आसमान छूने लगे हैं। इस बीच राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने आंदोलन को और बड़ा रूप देने की चेतावनी दी है। किसान मजदूर संघ ने बुधवार को प्रदेशव्यापी बंद का ऐलान किया है। इसके विरोध में व्यापारियों ने भी अनिश्चितकाल के लिए शहर को बंद कर दिया है।