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मुंबई: मराठवाड़ा में जालना जिले के एक गांव में कर्ज में डूबे 40 वर्षीय एक किसान ने जब ग्रामीणों को अपने ‘अंतिम संस्कार’ के लिए ‘निमंत्रण’ दिया, तो लोगों ने उसकी बात को मजाक समझकर नजरअंदाज कर दिया। जब किसान शेषराव शेजुल ने अगले दिन खुद को फांसी पर लटका दिया, तब उसके परिवार और अन्य गांववालों को इस बात का एहसास हुआ कि वह आत्महत्या की बात को लेकर गंभीर था। एक ग्रामीण ने कहा, ‘‘शेषराव ने मुझे और गांव में कई अन्य लोगों को बताया कि वह हमें छोड़कर चला जाएगा और उसने सभी ग्रामीणों को अंतिम सस्कार के लिए आमंत्रित किया, लेकिन किसी ने उसकी बात को गंभीरता से नहीं लिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगले दिन हमें उसका शव नीम के पेड़ से लटका मिला।’’

मुंबई: कांग्रेस उपाअध्यक्ष राहुल गांधी ने क्रिकेट प्रशासन से राजनीतिकों को दूर रहने की आज  (शनिवार) पुरजोर वकालत की । यहां एक प्रमुख प्रबंध संस्थान में छात्रों से चर्चा के दौरान राहुल से पूछा गया था कि क्या राजनीतिकों को क्रिकेट और खेलों से दूर रहना चाहिए । उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे नहीं लगता है कि राजनीतिकांे को क्रिकेट प्रशासन के करीब रहना चाहिए । क्रिकेट का संचालन क्रिकेटरों को करना चाहिए । मैं नहीं सोचता कि क्रिकेट का संचालन राजनीतिकों को करना चाहिए।’’ कांग्रेस नेता ने दावा किया कि पठानकोट आतंकी हमले से मोदी सरकार ठीक ढंग से नहीं निपटी । उन्होंने कहा, ‘‘ आतंकवाद और विदेश नीति से जुड़े सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञों से सलाह नहीं की गई । एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) इससे सीधे निपट रहे थे। उनका काम रणनीति बनाना है, न कि व्यूह कौशल तैयार करना. यह कार्य एनएसजी का है ।

मुंबई: पठानकोट आतंकी हमले से निपटने में सरकार के रुख को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि इससे ‘गलत ढंग से निपटा गया’। इसके साथ ही राहुल ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार का काम युद्धनीति बनाना है, दांवपेच तय करना नहीं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजित दोभाल की आलोचना करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘आतंकवाद, विदेश नीति के मामलों के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञों से सलाह नहीं ली जा रही। एनएसए (हमले से) सीधे तौर पर निपट रही है। उनका काम युद्धनीति बनाना है, दांवपेच तय करना नहीं..यह एनएसजी का काम है। जब आप किसी काम को करने का तरीका न जानने वालों को काम करने देते हैं तो आप समस्या में फंस जाते हैं।’

मुंबई: केंद्र की महत्वाकांक्षी स्टार्टअप योजना शुरू होने के साथ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज नरेन्द्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि स्टार्टअप कंपनियों को बढ़ावा देना और ‘असहिष्णु’ होने में विरोधाभास है। राहुल ने साथ ही कहा कि आरएसएस की भारत के लिए बहुत ही ‘गैर लचीली दृष्टि’ है और स्टार्ट अप कंपनियों को विचारों के मुक्त प्रवाह की जरूरत होती है। उन्होंने यहां के उपनगरीय इलाके विले पार्ले में प्रबंधन छात्रों के साथ बात करते हुए कहा, ‘दुनिया कैसी होनी चाहिए इसे लेकर सत्तारूढ़ वर्ग खासकर आरएसएस का एक साफ विचार है। उनकी भारत के लिए जो दृष्टि है, वह मेरी राय में बहुत ही गैर लचीली है। इस देश को लचीलेपन, खुलेपन और विचारों के प्रवाह की जरूरत है।’ राहुल ने कहा, ‘यह कहने में बहुत विरोधाभास है कि मैं स्टार्ट अप चाहता हूं लेकिन मैं असहिष्णु रहूंगा। अगर आप असहिष्णु हैं तो आप अर्थव्यवस्था और स्टार्ट अप के मोर्चे पर नाकाम होंगे।’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘स्टार्ट अप कंपनियों को विचारों का मुक्त प्रवाह चाहिए।

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