ताज़ा खबरें
केजरीवाल के खिलाफ कार्यवाही पर रोक से दिल्ली हाईकोर्ट का इंकार
गौतम अडानी पर रिश्वत देने, धोखाधड़ी के आरोप, यूएस में मामला दर्ज

मुंबई (जनादेश ब्यूरो): महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी में सीटों (एमवीए) का तोलमोल लगातार जारी है। बुधवार को आए 85-85-85 वाले सीट शेयरिंग फॉर्मुले को बदलते हुए, अब नया फॉर्मूला सामने आया है। कांग्रेस, 102 से 104, उद्धव ठाकरे की शिवसेना 90 से 95 और शरद पवार की एनसीपी 70 से 75 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हालांकि पहले महाविकास अघाड़ी के तीनों दलों के भीतर 85-85-85 के फॉर्मुले पर सहमति बनी थी। जबकि 15 सीटें पर पेच फंसा हुआ था। सीटों को लेकर चल रही खींचतान के बाद अब सीट शेयरिंग का नया फॉर्मुला आया है।

महाराष्ट्र में 288 सीटों पर 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होना है। महायुति में सीटों के बंटवारे पर सहयोगी दलों के साथ सहमति पहले ही बन चुकी है। अब महा विकास अघाड़ी की बारी है।

एमवीए ने इस बार 'इंडिया' गठबंधन के सहयोगी समाजवादी पार्टी (सपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के अलावा कुछ क्षेत्रीय सहयोगियों को भी साथ जोड़ने का फैसला किया है। हालांकि सहयोगी दलों के साथ सीटों का बंटवारा बिल्कुल भी आसान नहीं रहा। सहयोगी दलों के बीच सीटों पर खींचतान चल रही है। 

पहले अलग फॉर्मुला सामने आया था और आज फिर से नया फॉर्मुला सामने आया है।

इससे पहले मंगलवार 23 अक्टूबरर को महाविकास आघाड़ी यानि एमवीए ने गठबंधन में शामिल एनसीपी (शरद पवार गुट), उद्धव गुट की शिवसेना और कांग्रेस के बीच बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने की सहमति की बात कही थी। उद्वव गुट के नेता संजय राउत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीट बंटवारे का एलान किया।

उन्होंने बताया कि एमवीए में शामिल तीनों दल कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार गुट), उद्धव गुट की शिवसेना 85-85 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।

उन्होंने बताया कि 18 सीटों पर हम समाजवादी पार्टी सहित अपने गठबंधन दलों से बात करेंगे और कल तक स्थिति साफ हो जाएगी। बची 15 सीटों पर बाद में फैसला किया जाएगा।

एमवीए में लंबे समय से सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा था। शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस, दोनों अपने लिए अधिक सीटों की मांग कर रही थीं, जबकि राकांपा (शरदचंद्र पवार) के नेता शरद पवार शांत बैठे हुए थे। शिवसेना ने शुरू में ही संकेत दे दिए थे कि वह 120 से कम सीटों पर नहीं मानेगी, क्योंकि 2019 के विधानसभा चुनाव में वह भाजपा के साथ गठबंधन में 124 सीटों पर चुनाव लड़ी थी।

वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस भी हाल के लोकसभा चुनावों में मिली अपनी अच्छी सफलता को आधार बनाते हुए गठबंधन में सबसे ज्यादा सीटों पर लड़ना चाहती थी। सीटों की खींचतान में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले एवं शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत के बीच कुछ कहासुनी भी हो गई थी। शिवसेना (यूबीटी) ने कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं से भी संपर्क स्थापित कर विदर्भ एवं मुंबई की करीब एक दर्जन सीटें अपने लिए छोड़ने की बात की थी, लेकिन कांग्रेस के प्रदेश के नेता इस बार शिवसेना (यूबीटी) की जिद के सामने झुकने को तैयार नहीं थे। अंततः बुधवार को शरद पवार ने यह विवाद सुलझाने की पहल की। उनकी अध्यक्षता में हुई तीनों दलों की बैठक में फिलहाल 85-85-85 का फार्मूला तय हो गया है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख