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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन और फिर हरियाणा में कांग्रेस की हार। हरियाणा के चुनावी नतीजे आने के अगले दिन ही समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के लिए छह सीटों पर टिकट फाइनल कर दिए। वो भी कांग्रेस से बातचीत के बिना। श्रीनगर में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की अखिलेश यादव से मुलाकात हुई। अगले दिन समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की मीरापुर सीट पर भी उम्मीदवार घोषित कर दिया। इसके बाद अखिलेश यादव दो दिनों के दौरे पर महाराष्ट्र निकल गए। दौरे के आखिरी दिन उन्होंने आज महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव के लिए चार सीटों पर उम्‍मीदवारों की घोषणा कर दी है। लखनऊ निकलने से पहले अखिलेश ने कहा, हम महाराष्‍ट्र में 12 सीटों पर लड़ेंगे। इनकी लिस्ट हमने कांग्रेस को दे दी है।

कांग्रेस के लिए अखिलेश यादव का संदेश साफ है. हरियाणा वाली गलती अब आगे और नहीं। हरियाणा में भूपेन्द्र हुड्डा की जिद के कारण समाजवादी पार्टी को सीट नहीं मिली थी। इसीलिए अखिलेश यादव ने इस बार अपना गियर बदल लिया है। राजनीति का एक नियम ये भी है कि जो कहा जाए उसे किया न जाए।

यूपी के विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी से 5 सीटों की डिमांड की थी। समाजवादी पार्टी की तरफ से दो सीटें छोड़ने का ऑफर है, लेकिन इस ऑफर से पहले ही अखिलेश यादव छह सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुके थे। महाराष्‍ट्र जाने से पहले मीरापुर सीट पर भी टिकट फाइनल कर दिया।

महाराष्ट्र दौरे के पहले दिन अखिलेश यादव ने कहा कि इस बार इंडिया गठबंधन मिल कर महाराष्ट्र में लड़ेगा और जीतेगा। दौरे के दूसरे दिन समाजवादी पार्टी ने महाराष्ट्र चुनाव के लिए चार टिकट फाइनल कर दिए। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी विधायक हैं। वे अपनी परंपरागत सीट शिवाजी नगर से चुनाव लड़ रहे हैं। पार्टी के दूसरे विधायक रईस शेख भिवंडी ईस्ट से चुनाव लड़ेंगे। वहीं समाजवादी पार्टी ने भिवंडी वेस्ट और मालेगांव से भी टिकट तय कर दिया है।

समाजवादी पार्टी इस बार महाराष्ट्र में कम से कम 12 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। अखिलेश यादव ने कहा कि हम जिन सीटों पर जीत सकते हैं, वहां उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जिन सीटों पर हम मज़बूत हैं उन सीटों पर हमारी चुनाव लड़ने की तैयारी है। लेकिन हर बार वे ये नहीं बताना भूलते है कि हरियाणा से सबक लेकर हमें मिल कर चुनाव लड़ना चाहिए।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 9 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के लिए गाजियाबाद और खैर सीटें छोड़ने का फैसला किया है। प्रियंका गांधी हर हाल में फूलपुर विधानसभा सीट कांग्रेस के लिए चाहती हैं। इस सीट से गांधी-नेहरू परिवार का भावनात्मक रिश्ता रहा है। हालांकि अखिलेश यादव इस बार प्रियंका की बात मानने को तैयार नहीं हैं।

गठबंधन बचाने के लिए अब क्‍या करेगी कांग्रेस?

कांग्रेस के बारे में कहा जाता है जिस राज्य में वो मजबूत है वो सहयोगी पार्टी के लिए कम सीट छोड़ना चाहती है। जहां कांग्रेस कमजोर है, वहां सहयोगी दलों से उसे अधिक सीटें चाहिए। यूपी में तो अखिलेश ने कांग्रेस के लिए दो सीटों वाली लक्ष्मण रेखा खींच दी है। महाराष्ट्र में चार सीटों पर उम्मीदवार उतार कर अखिलेश ने कांग्रेस का टेंशन बढ़ा दिया है। गठबंधन बचाने के लिए कांग्रेस के फैसले पर सबकी नजर टिकी है। यूपी में नामांकन की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर है। मतलब समय कम है और उलझनें अधिक।

 

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