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मुंबई: महाराष्ट्र के कोल्हापुर में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने का मामले पर सियासत काफी गरमा गई है। महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने मुंबई में एकजुट होकर सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इसे जोड़े मारो (जूता मारो) आंदोलन नाम दिया गया है।

महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने साउथ मुंबई के हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक पैदल मार्च निकाला। ​​​​​​इसमें शिवसेना यूबीटी प्रमुख ​उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार, सुप्रिया सुले, कांग्रेस नेता नाना पटोले समेत घटक दलों के कई बड़े नेता शामिल हुए।

इस मार्च के दौरान शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे समेत एमवीए के कई नेताओं ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के पोस्टर पर चप्पल और जूते मारे। पीएम नरेंद्र मोदी की माफी को लेकर नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी माफी अहंकार से भरी हुई थी। वहीं, शरद पवार ने कहा, ''प्रतिमा का गिरना भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है।''

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक मुंबई में एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने भी एनडीए के खिलाफ प्रदर्शन में गेटवे ऑफ इंडिया तक पैदल मार्च किया। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि उनकी तबीयत ठीक नहीं थी, फिर भी मार्च में शामिल हुए। वहीं, हुतात्मा चौक के पास महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं ने प्रदेश की महायुति सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

शरद पवार गुट के नेता राजेश टोपे ने कहा, ''छत्रपति शिवाजी महाराज महाराष्ट्र के गौरव और आत्मा हैं। इस घटना ने आत्मा और गौरव को आहत किया है। हमारा विरोध मार्च लोकतंत्र का हिस्सा है।''

प्रदर्शन में शामिल महाविकास अघाड़ी के कार्यकर्ताओं को मुंबई की पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रोका। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच नोंक-झोंक भी देखी गई। मार्च के दौरान एमवीए के नेता चप्पलें लेकर पहुंचे थे।

इधर, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर राजनीति कर रहा है। उन्होंने कहा, ''जनता ये देख रही है। आने वाले चुनाव में महाराष्ट्र की जनता इन्हें जूतों से पीटेगी।''

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