मुंबई: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के मामले में स्ट्रक्चरल कंसलटेंट चेतन पाटील को गिरफ्तार कर लिया है। पाटिल को कोल्हापुर से गिरफ्तार किया गया है। गुरुवार रात को चेतन पाटिल को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इसके बाद सिंधुदुर्ग पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। इस मामले में यह पहली गिरफ्तारी है।
कुछ दिनों पहले पुलिस ने मूर्ति बनाने वाले ठेकेदार और स्ट्रक्चरल कंसलटेंट (संरचनात्मक सलाहकार) के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पिछले साल नौसेना दिवस (4 दिसंबर) पर सिंधुदुर्ग के मालवन तहसील में राजकोट किले में पीएम नरेंद्र मोदी ने इस प्रतिमा का अनावरण किया था। महज आठ महीने बाद प्रतिमा ढहने से शिंदे सरकार की काफी आलोचना भी हुई है।
बुधवार को चेतन पाटिल ने कहा था कि वो इस प्रजोक्ट में स्ट्रक्चरल कंसलटेंट नहीं थे। मराठी समाचार चैनल से बात करते हुए पाटिल ने कहा था कि उन्होंने राज्य के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के माध्यम से भारतीय नौसेना को मंच का डिजाइन सौंपा था, लेकिन वो सीधे तौर पर इस प्रोजेक्ट से नहीं जुड़े थे।
पाटिल ने कहा था,"ठाणे स्थित एक कंपनी ने मूर्ति से संबंधित कार्य किया। मुझे बस उस मंच पर काम करने के लिए कहा गया था जिस पर मूर्ति खड़ी की जा रही थी।"
दावा किया जा रहा है कि प्रतिमा का निर्माण ठीक ढंग से नहीं किया गया था। इसकी गुणवत्ता बहुत ही खराब थी। संरचना में इस्तेमाल किए गए नट और बोल्ट में जंग लगे हुए थे।