मुंबई: सिंधु दुर्ग में शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने दुख जताया है। उन्होंने कहा कि मैं इसके लिए महाराष्ट्र के 13 करोड़ लोगों से माफी मांगता हूं। छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे देवता हैं। एक साल के भीतर उनकी मूर्ति का इस तरह से गिरना सभी के लिए एक झटका है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल नौसेना दिवस पर मालवन के राजकोट किले में महाराष्ट्र के आदर्श छत्रपति शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा बनाई गई थी। महाराज की उस प्रतिमा के ढहने की घटना महाराष्ट्र के सभी शिव प्रेमियों की तरह मेरे लिए भी बहुत दुखद है। मैं सरकार के हिस्से के रूप में सार्वजनिक रूप से माफी मांगता हूं।
उन्होंने सवाल उठाए कि क्या महाराज की प्रतिमा स्थापित करते समय भौगोलिक परिस्थितियों और जलवायु जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं का वैज्ञानिक अध्ययन किया गया था? राज्य सरकार ने मूर्ति बनाने में इस्तेमाल की गई सामग्री की गुणवत्ता की जांच की और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तुरंत मामला दर्ज किया। अजित पवार ने कहा कि किले में महाराजा की प्रतिमा जल्द से जल्द स्थापित की जाएगी।
साथ ही उन्होंने कहा, लापरवाही बरतने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
घटना पर राजनीति नहीं हो: फडणवीस
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने की घटना पर किसी को राजनीति नहीं करनी चाहिए। ये बेहद दुखद है और इसकी जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उसी स्थान पर फिर से एक और भव्य प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि नौ सेना ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच समिति का गठन किया है। समिति ने घटनास्थल का दौरा किया है। नौसेना इस मामले में उचित कार्रवाई करेगी। फडणवीस ने कहा कि विपक्ष को ऐसी ओछी राजनीति नहीं करनी चाहिए। शरद पवार वरिष्ठ नेता हैं, उन्हें भी पता है कि यह प्रतिमा नौसेना ने लगवाई है। राज्य सरकार ने नहीं लगवाई है। हम भ्रष्टाचार का विरोध करते हैं। अगर पवार ऐसे बयान देते हैं तो मुझे आश्चर्य है कि क्या पवार साहब भ्रष्टाचार का समर्थन करते हैं?
क्या है मामला
महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के एक किले में मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा सोमवार को ढह गई थी। इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसके बाद विपक्षी दलों ने राज्य की शिंदे सरकार की आलोचना की और आरोप लगाया कि काम की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया था। मामले में ठेकेदार जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि उन पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं के तहत गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास, दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कृत्य, हत्या का प्रयास और धोखाधड़ी के साथ-साथ सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा 3 (सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाली शरारत) के तहत मामला दर्ज किया गया है।