मुंबई: बृहन्नमुंबई नगर पालिका (बीएमसी) के दो चीफ इंजीनियरों को कई करोड़ रुपये के कथित सड़क मरम्मत घोटाले में गिरफ्तार कर लिया गया है। एक स्थानीय अदालत ने उन्हें 11 जुलाई तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि चीफ इंजीनियर 57 वर्षीय अशोक पवार और 54 वर्षीय उदय मुरदकर को बुधवार देर शाम गिरफ्तार किया गया और कल अदालत में पेश किया गया। अदालत ने दोनों को 11 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों इंजीनियरों ने शहर में ‘‘सुधर चुकी सड़कों’’ की जांच किए बगैर ही ठेकेदारों के बिल मंजूर कर दिए थे। इस कथित घोटाले में शुरुआती जांच के बाद इस अप्रैल माह से दोनों इंजीनियर निलंबित हैं। आरोप है कि 354 करोड़ रुपये की लागत से दक्षिण मुंबई, पश्चिमी और पूर्वी उपनगरों में 34 सड़कों की मरम्मत के कार्य में लगे ठेकेदारों ने घटिया काम किया था। निलंबन से पहले पवार बीएमसी के सड़क और यातायात विभाग में चीफ इंजीनियर थे जबकि मुरदकर सतर्कता विभाग में चीफ इंजीनियर थे। बीएमसी की जांच समिति ने प्रथम दृष्टया दोनों इंजीनियरों को दोषी पाया था। इसके बाद बीएमसी आयुक्त अजय मेहता ने सड़क निर्माण या मरम्मत का ठीक से निरीक्षण नहीं करने के आरोप में दोनों इंजीनियरों के निलंबित कर दिया। इस मामले में मुंबई पुलिस ने पहले ही 22 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। यह सभी सड़कों की मरम्मत करने वाले निजी ठेकेदार हैं।
इनमें से 20 जमानत पर हैं। पिछले साल अक्तूबर में मुंबई की मेयर स्नेहल आंबेडकर ने खराब सड़कों की ओर बीएमसी का ध्यान आकर्षित किया था जिसके बाद बीएमसी के आयुक्त ने सड़क विभाग और ठेकेदारों के बीच भ्रष्ट गतिविधियों की जांच कराई थी और कार्रवाई करनी शुरू की थी।