मुंबई: सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड मामले में तीन साल बाद सीबीआई ने पहली गिरफ़्तारी कर ली है। हिंदू जनजागृति समिति से जुड़े नेता वीरेंद्र तावड़े को बीती रात सीबीआई ने पनवेल से गिरफ़्तार किया है। सनातन संस्था से भी ताल्लुक रखने वाले तावड़े को आज (शनिवार) को पुणे कोर्ट में पेश किया जाएगा। 20 अगस्त 2013 को दो अज्ञात लोगों ने दाभोलकर की गोली मारकर हत्या कर दी थी जिसके बाद से यह पहली गिरफ़्तारी है। हत्या के सुराग नहीं मिल रहे थे दाभोलकर की हत्या का शक कुछ दक्षिणपंथी समूहों और कार्यकर्ताओं पर है। दाभोलकर महाराष्ट्र में लंबे समय से काला जादू और अंधविश्वास के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ रहे थे। उनकी हत्या के मामले में कोई सुराग नहीं मिल पाने से महाराष्ट्र पुलिस की कड़ी आलोचना की जा रही थी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। इस मामले में कई छापे हुए और पूछताछ हुई लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी। गौरतलब है कि इससे पहले 2009 में गोवा के शहर मरगांव में हुए ब्लास्ट में भी तावड़े आरोपी रहा है।
सीबीआई ने कई दिनों तक तावड़े से पूछताछ की जिसके बाद शुक्रवार की रात उसकी गिरफ्तारी की गई है। बताया जा रहा है कि हत्या से जुड़े सबूत काफी धुंधले थे जिसकी वजह से मामले में गिरफ्तारी भी विलंब से हुई।