नासिक: भूमाता ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति देसाई ने गुरूवार को प्रसिद्ध कपालेश्वर मंदिर में पूजा की लेकिन मंदिर के गर्भगृह में नहीं गयीं। पंचवटी थाना प्रभारी पुलिस निरीक्षक पी एच सपकाले ने कहा कि तृप्ति और अन्य महिला कार्यकर्ता दोपहर के आसपास मंदिर पहुंची और उन्होंने कड़े पुलिस बंदोबस्त के बीच ‘गर्भ गृह’ के बाहर पूजा की। बाद में तृप्ति और अन्य को पुलिस वाहन में मंदिर से कुछ दूर पहुंचाया गया जहां से वे पुणे के लिए रवाना हो गयीं। पिछले गुरूवार को तृप्ति स्थानीय लोगों और मंदिर के पुजारियों तथा ट्रस्टियों के कड़े विरोध के बाद पूजा किये बिना लौट गयी थीं। पुलिस ने तृप्ति के दौरे के चलते मंदिर में और आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी थी। आज जब तृप्ति और उनकी साथी कार्यकर्ता मंदिर पहुंची तो मंदिर के ट्रस्ट के सदस्यों और पुलिस अधिकारियों ने उन्हें नियमों तथा परंपराओं के बारे में बताया, जिसके बाद उन्होंने गर्भ गृह के बाहर पूजा की। इससे पहले कपालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में पूजा करने पर अड़ी भूमाता ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति देसाई पर हमला हुआ। हमला तब हुआ जब तृप्ति नासिक के कपालेश्वर मंदिर जा रही थीं। इस दौरान पुलिस ने भी उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं रुकीं। रास्ते में कुछ अज्ञात लोगों ने उन पर हमला कर दिया। हमले में उनकी कार भी क्षतिग्रस्त हो गई।
अस्पताल में भर्ती तृप्ति देसाई ने बताया कि उन पर साजिश के तहत हमला किया गया है और जान से मारने की धमकियां भी मिल रही हैं। गौरतलब है कि तृप्ति देसाई महाराष्ट्र के प्रमुख मंदिरों के मुख्य भाग में महिलाओं के प्रवेश के प्रतिबंध के खिलाफ काफी समय से आंदोलनरत है।देसाई ने कहा कि दूसरे मंदिरों में वह जहां महिलाओं के अधिकार की लड़ाई लड़ रही हैं तो वहीं कपालेश्वर मंदिर में जातिगत भेदभाव के खिलाफ भी लड़ाई है। गौरतलब है कि तृप्ति देसाई ने मुंबई स्थित हाजी अली दरगाह में भी जाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें मुख्य मजार तक जाने से पहले ही रोक लिया गया था. उन्हें मजार के गेट तक ही जाने दिया गया था। इससे पहले तृप्ति ने महाराष्ट्र के अहमदनगर के शनि शिंगणापुर मंदिर और नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के लिए सफल अभियान चलाया था।