मुंबई: कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच भूमाता ब्रिगेड की तृप्ति देसाई गुरुवार की सुबह हाजी अली दरगाह पहुंची। हालांकि वह मज़ार समेत उन जगहों पर नहीं गईं जहां जाने की हाजी अली ट्रस्ट ने इजाज़त नहीं दी है। इससे पहले 28 अप्रैल को तृप्ति देसाई ने हाजी अली दरगाह में जाने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें रोक दिया गया था। कई संगठनों ने भी इसका विरोध किया था। इसके बाद तृप्ति देसाई को वापस लौटना पड़ा था। वहीं आज दरगाह जाने पर तृप्ति देसाई ने कहा है कि उन्होंने महिलाओं के लिए दरवाज़े खोलने की दुआ मांगी है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले तृप्ति ने ऐलान किया था कि वह अब बिना बताए हाजी अली दरगाह में घुसने की तैयारी में हैं। तृप्ति देसाई ने पुणे में मीडिया कर्मियों से बातचीत में यह जानकारी दी थी। देसाई ने इस संदर्भ में भूमाता ब्रिगेड के मुम्बई के कार्यकर्ताओं से बातचीत भी की है। तृप्ति देसाई ने यह भी कहा था कि '28 अप्रैल को जब उन्होंने आंदोलन किया तो सबको बताकर किया। उम्मीद यह थी कि हमारा प्रवेश आसान हो, लेकिन परिणाम बिलकुल उलट हुआ।
लोगों ने हमें नहीं जाने दिया। पुलिस ने भी सहयोग नहीं दिया। ऐसे में अब हम छापामार तरीके से आंदोलन करेंगे और दरगाह में दर्शन के लिए जाएंगे। इसकी सूचना केवल पुलिस को देंगे और किसी को नहीं।' दरअसल, 'हाजी अली सब के लिए' फोरम ने 28 अप्रैल को मुम्बई की हाजी अली दरगाह में महिलाओं को प्रवेश दिलाने की मांग को लेकर धरना आंदोलन किया था। भूमाता ब्रिगेड को इस आंदोलन में शरीक होने को कहा गया था। इस आंदोलन के तहत दरगाह में प्रवेश की योजना नहीं थी। इसके बावजूद तृप्ति देसाई ने आंदोलन में शरीक होने के बजाए अलग से दरगाह में घुसने की दो बार कोशिश की। अब तृप्ति देसाई ने अपने अकेले के दम पर छापामार तरीके से दरगाह में घुसने का ऐलान किया।