जयपुर: राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच सचिन पायलट गुट की ओर से दायर संशोधित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान पायलट खेमे को थोड़ी राहत जरूर मिली। कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर को मंगलवार शाम तक नोटिस पर कोई कार्रवाई नहीं करने की बात कही है। इसी के साथ कोर्ट ने मामले पर सुनवाई सोमवार यानी 20 जुलाई, सुबह 10 तक के लिए टाल दी है। राजस्थान में सचिन पायलट समेत उनके 19 समर्थित विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस देने का मामला गुरुवार को हाई कोर्ट पहुंचा था।
शुक्रवार को हाईकोर्ट की डिविजन बेंच में सुनवाई के दौरान पायलट खेमे की ओर से हरीश साल्वे ने अपनी दलीलें रखीं। उन्होंने कहा कि पायलट गुट ने दल-बदल कानून का उल्लंघन नहीं किया है। ऐसे में स्पीकर को नोटिस देने का अधिकार नहीं है। साल्वे के बाद मुकुल रोहतगी ने भी पक्ष रखा। हाईकोर्ट में सचिन पायलट गुट की पैरवी के बाद स्पीकर की ओर से दलील देते हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका को तत्काल खारिज करने की अपील की। सिंघवी ने पायलट गुट की याचिका को प्रीमेच्योर बताते हुए मांग की कि इसको खारिज कर दिया जाए। जिसके बाद हाईकोर्ट ने 20 जुलाई सुबह 10 बजे तक मामले पर सुनवाई टाल दी है।
सचिन पायलट खेमे की संशोधित याचिका पर सुनवाई मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत मोहन्ती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ में हो रही। याचिका में संविधान की 10वीं अनुसूची के आधार पर दिए गए नोटिस काे चुनौती दी गई है। पायलट खेमे के वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट में अपनी दलील में स्पीकर के आदेश पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस मामले में दसवीं अनुसूची का उल्लंघन नहीं हुआ है। उन्होंने स्पीकर को कोर्ट में बुलाने की मांग की। साथ ही कहा कि पायलट गुट ने दल-बदल कानून का उल्लंघन नहीं किया है।
हरीश साल्वे ने सचिन पायलट के पक्ष में दलील देते हुए कहा कि पार्टी को जगाना बगावत नहीं है। विधानसभा के बाहर दल-बदल कानून का प्रावधान लागू नहीं होता है। ऐसे में स्पीकर को नोटिस देने का अधिकार नहीं है। साल्वे ने दलील में ये भी कहा कि पार्टी ग्रुप ने कोई विद्रोह नहीं किया है, वह सिर्फ अपनी बात रखने के लिए गए थे।
साल्वे ने कहा कि अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत बोलने की आजादी के अधिकार के खिलाफ है जो उन्हें नोटिस थमाया गया है। सचिन पायलट और अन्य विधायक दिल्ली में अपना पक्ष रखने के लिए गए थे, जबकि सरकार ने स्पीकर के जरिए अनुच्छेद 10 के तहत नोटिस थमा दिया। साल्वे के बाद मुकुल रोहतगी अपनी दलीलें रखीं।
वहीं, विधानसभा अध्यक्ष की ओर से सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 अन्य विधायकों को मिले नोटिस का जवाब देने का शुक्रवार को अंतिम दिन था। हालांकि, इस बीच हाईकोर्ट से पायलट खेमे को राहत मिली है। कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर को मंगलवार शाम तक इस नोटिस पर कोई कार्रवाई नहीं करने की बात कही है।
इससे पहले गुरुवार को हाईकोर्ट पहुंचे पायलट खेमे की याचिका पर दिन में करीब तीन बजे जज सतीश चन्द्र शर्मा ने सुनवाई की। लेकिन, पायलट खेमे की ओर से शामिल वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने नए सिरे से याचिका दाखिल करने के लिए समय मांगा। शाम करीब पांच बजे असंतुष्ट खेमे ने संशोधित याचिका दाखिल की और कोर्ट ने इसे दो जजों की पीठ की नियुक्ति के लिए मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत मोहंती को भेज दिया।