नई दिल्ली: भारत ने गुरुवार (24 अप्रैल, 2025) को आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान को सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखने के अपने फैसले के बारे में सूचित करते हुए कहा कि इस्लामाबाद ने संधि की शर्तों का उल्लंघन किया है। भारत की जल संसाधन सचिव देबाश्री मुखर्जी की ओर से पाकिस्तानी समकक्ष सैयद अली मुर्तजा को लिखी चिट्ठी में इस फैसले का विस्तृत विवरण दिया गया है।
'सीमा पार से जारी है आतंकवाद'
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, लेटर में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाकर पाकिस्तान की ओर से जारी सीमापार आतंकवाद सिंधु जल संधि के तहत भारत के अधिकारों में बाधा डालता है। चिट्ठी में कहा गया है, "हमने देखा है कि पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद को जारी रखा गया है।" इसमें कहा गया है कि इन कार्रवाइयों ने सुरक्षा अनिश्चितताएं पैदा की हैं, जो भारत की अपने संधि अधिकारों का पूरी तरह से उपयोग करने की क्षमता को बाधित करती हैं।
पाकिस्तान बोला- ये तो युद्ध छेड़ने के बराबर है
वहीं, पाकिस्तान ने कहा कि सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को मिलने वाले पानी के प्रवाह को रोकने या परिवर्तित करने का कोई भी प्रयास युद्ध छेड़ने के समान माना जाएगा। इसके साथ ही उसने पहलगाम हमले के मद्देनजर देश के खिलाफ उठाए गए कदमों के जवाब में भारत के साथ व्यापार, शिमला समझौते समेत द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित करने और हवाई क्षेत्रों को बंद करने की घोषणा की।
शहबाज शरीफ ने क्या कहा?
ये घोषणाएं शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद की गईं। शरीफ ने पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने और राजनयिक संबंधों को कमतर करने के भारत के कदमों पर उचित प्रतिक्रिया के संबंध में विचार करने के लिए सरकार के प्रमुख मंत्रियों और तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की।
राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘पाकिस्तान भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित रखने के अधिकार का प्रयोग करेगा, जिसमें शिमला समझौता भी शामिल है।’’ बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान वाघा सीमा चौकी को तत्काल प्रभाव से बंद करेगा। इसमें कहा गया है, ‘‘इस मार्ग से भारत से सीमा पार सभी पारगमन बिना किसी अपवाद के निलंबित रहेंगे। जो लोग वैध अनुमोदन के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे तुरंत उस मार्ग से वापस आ सकते हैं, लेकिन 30 अप्रैल के बाद नहीं।’’