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कश्मीर घाटी में आतंकी हमले के विरोध में 35 वर्ष में पहली बार रहा बंद

श्रीनगर/नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी सऊदी दौरे को बीच में छोड़कर देश वापस लौट आए। पीएम मोदी जैसे ही एयरपोर्ट पर उतरे, उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर तुरंत एयरपोर्ट पर बड़ी बैठक की। इस बैठक में पीएम मोदी के साथ अजित डोभाल और एस जयशंकर भी मौजूद हैं।

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम हिल स्टेशन पर आतंकवादियों ने एक पर्यटक ग्रुप पर हमला कर दिया। आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर कम से कम 26 लोगों को मार डाला। सेना की वर्दी में आए दहशतगर्दों ने पहलगाम की बायसरन घाटी में पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, परिचय पत्र देखे और फिर हिंदू हो कहकर गोली मार दी। 26 मृतकों में ज्यादातर पर्यटक हैं, जबकि दो विदेशी व दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं। हमले में करीब 20 लोग घायल हुए हैं। हालांकि सरकार ने अभी सिर्फ 16 मौतों की पुष्टि की है।

इस हमले के विरोध में आज जम्मू बंद है। आज दिल्ली में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक होने जा रही है। इसकी अध्यक्षता पीएम मोदी करेंगे।

इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी से गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की और हालात की जानकारी ली। पीएम के निर्देश पर गृह मंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंच गए हैं।

तीन जुलाई से शुरू होने जा रही श्रीअमरनाथ यात्रा से पहले इस कायराना हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा से जुड़े गुट द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। फरवरी, 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है। उस हमले में सीआरपीएफ के 47 जवान मारे गए थे।

हमले के बाद सऊदी अरब की यात्रा बीच में छोड़कर लौट रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वारदात की कड़ी निंदा की व गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात कर जरूरी कदम उठाने और कश्मीर पहुंचने के निर्देश दिए। शाह ने तत्काल अपने निवास पर वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक की और फिर श्रीनगर पहुंच गए।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया, बायसरन घाटी में आतंकी दोपहर करीब तीन बजे घास के मैदान में घुस आए व खाने-पीने की दुकानों के आसपास घूम रहे, टट्टू की सवारी कर रहे पर्यटकों पर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी।

बेटी बोली-पिता कलमा नहीं पढ़ पाए, तो सिर में गोली मारी

हमले में जख्मी पुणे की आसावरी जगदाले (26) ने कहा, आतंकियों ने उनके पिता संतोष जगदाले (54) को तंबू से बाहर निकाला और कलमा पढ़ने को कहा। जब उनके पिता ऐसा नहीं कर पाए, तो उनके सिर और पीठ में तीन गोलियां दाग दीं। उनके चाचा को भी गोलियों से छलनी कर दिया।

मृतकों में करनाल के नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल (26) भी शामिल हैं। कोच्चि में तैनात विनय की छह दिन पहले ही शादी हुई थी। वह हनीमून की छुट्टी पर थे।

कानपुर के शुभम द्विवेदी की भी आतंकियों ने हत्या कर दी। उनकी ढाई महीने पहले शादी हुई थी।

हैदराबाद में तैनात आईबी अधिकारी मनीष रंजन भी हमले में मारे गए। बिहार निवासी मनीष पत्नी-बच्चों के साथ घूमने गए थे।

पीड़िता बोली-लोगों के कपड़े उतरवाकर धार्मिक पहचान की

घटनास्थल के कुछ वीडियो सामने आए हैं। इनमें चार लोग जमीन पर पड़े दिखाई दे रहे हैं, जिनमें एक बच्चा भी है, जबकि कुर्सी पर बैठा एक व्यक्ति खून से लथपथ है। वीडियो में दो महिलाएं लोगों से मदद की गुहार लगाती दिख रही हैं। एक स्थानीय व्यक्ति उन्हें दिलासा दे रहा है।

हमले में बाल-बाल बची एक महिला ने बताया कि आतंकियों ने उसके पति से नाम पूछा और जब पता चला कि वह मुस्लिम नहीं है तो उसके सिर में गोली मार दी। आतंकियों ने कुछ लोगों के कपड़े उतरवाकर उनकी धार्मिक पहचान की। एक अन्य महिला ने बताया, गोलियां चलते ही लोग बचने के लिए भागने लगे, लेकिन कहीं छिपने की जगह ही नहीं थी।

हमले के विरोध में आज जम्मू बंद

पहलगाम में आतंकी हमले के विरोध में हिंदू संगठनों ने बुधवार को जम्मू बंद की घोषणा की है। इस बंद को विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक संगठनों, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन व अन्य संस्थाओं ने समर्थन दिया है। बंद के दौरान जगह-जगह आतंकवाद के खिलाफ प्रदर्शन और रैलियों का आयोजन किया जाएगा। बंद को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। बंद की स्थिति में शैक्षणिक संस्थान प्रभावित होंगे। कई निजी शिक्षण संस्थानों ने छुट्टी घोषित कर दी है।

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) जम्मू-कश्मीर-लद्दाख के बैनर तले मंगलवार शाम हिंदू संगठनों की आपात बैठक बुलाई गई थी। इसमें पहलगाम में हुए आतंकी हमले का विरोध किया गया। संगठन के अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों ने निहत्थे पर्यटकों को निशाना बनाया।

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