नई दिल्ली (आशु सक्सेना): संसद में आज 18वीं लोकसभा के पहले विशेष सत्र के साथ नई लोकसभा गठित हो जाएगी। 18वीं लोकसभा पिछली दो लोकसभाओं, यानि 16वीं और 17वीं लोकसभा से अलग नज़र आएगी। होगी। इस बार विपक्ष (इंडिया गठबंधन) के सांसदों की संख्या बढ़ने से उसके हौसले बुलंद हैं। दूसरी तरफ पिछली दो लोकसभाओं में पूर्ण बहुमत रखने वाली बीजेपी इस बार अपने बलबूते बहुमत हासिल नहीं कर सकी है। इस बार बीजेपी ने नहीं, बल्कि नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (एनडीए) ने बहुमत हासिल किया है। जिसका नेतृत्व बीजेपी कर रही है।
प्रोटेम स्पीकर के पैनल में विपक्ष के सांसद नहीं होंगे शामिल
पीएम मोदी ने तीसरी बार देश की कमान संभाली है, लेकिन इस बार वह मोदी की गारंटी नारे पर बीजेपी को बहुमत के आंकड़े तक पहुंचाने में सफल नहीं हो सके। लिहाजा एनडीए घटक दलों की बेसाखी पर 18वीं लोकसभा का सामना करेंगे। 18वीं लोकसभा में शुरुआत से ही सदन के भीतर पिछली दो लोकसभा से जुदा माहौल नज़र आने की प्रबल संभावना है।
18वीं लोकसभा को लेकर ऐसे बहुत सारे सवाल हैं, बहुत सारी जिज्ञासाएं हैं। जिसका नज़ारा विशेष सत्र के पहले ही देखने को मिल सकता है। दरअसल, विपक्ष (इंडिया गठबंधन) ने नई लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत से पहले ही विपक्ष ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस के के. सुरेश को प्रोटेम स्पीकर नहीं बनाए जाने पर विपक्ष ने अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है। विपक्ष ने कहा है कि उसके सांसद प्रोटेम स्पीकर की सहयोगी पैनल में शामिल नहीं रहेंगे।
नई लोकसभा का क्या होगा एजेंडा
नई लोकसभा का क्या होगा एजेंडा, किन मुद्दों को लेकर सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष के बीच तकरार हो सकता है। संसद में कौन से मुद्दे छाए रहेंगे? क्या नए सांसद तय करेंगे नया एजेंडा? क्या नई सरकार का सफर पिछली दो सरकारों की तरह आसान होगा? जैसे कई सवाल हैं जिनको लेकर आम लोगों में जिज्ञासाएं हैं।
18वीं लोकसभा के पहले सत्र में सोमवार को सुबह 10 बजे बीजेपी के सांसद भर्तृहरि महताब को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाएंगी। सुबह 11 बजे लोकसभा में प्रोटेम स्पीकर संसद सदस्यों को शपथ दिलाना शुरू करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद के तौर पर सबसे पहले शपथ लेंगे।
प्रोटेम स्पीकर सांसदों को दिलाएंगे शपथ
पीएम मोदी के बाद प्रोटेम स्पीकर की मदद के लिए बनाए गए पैनल के सदस्य सांसद के तौर पर शपथ लेंगे। इस पैनल के सदस्य प्रोटेम स्पीकर की गैरमौजूदगी में सांसदों को शपथ दिलाएंगे। इस पैनल में 5 सदस्य कांग्रेस के के. सुरेश, बीजेपी के राधामोहन सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते, डीएमके के टीआर बालू और टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय शामिल हैं। हालांकि विपक्षी दलों ने कहा है कि उनके सांसद पैनल में नहीं रहेंगे। विपक्ष (इंडिया गठबंधन) के. सुरेश को प्रोटेम स्पीकर नहीं बनाए जाने के विरोध में यह कदम उठा रहा है।
भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर, यानि अस्थाई अध्यक्ष बनाने की विपक्ष ने कड़ी निंदा की है। उसका आरोप है कि सरकार ने इस पद के लिए कांग्रेस सांसद के सुरेश के दावे को अनदेखा किया। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा है कि महताब सात बार से निरंतर लोकसभा सांसद हैं। इसलिए वे इस पद के लिए योग्य हैं। उन्होंने कहा है कि सुरेश 1998 और 2004 में चुनाव हार गए थे। इस कारण उनका मौजूदा कार्यकाल लोकसभा में लगातार चौथा कार्यकाल है। इससे पहले वे 1989, 1991, 1996 और 1999 में लोकसभा के लिए चुने गए थे।
वर्णमाला में राज्यों के नामों के क्रम में सांसदों को शपथ
सोमवार यानि सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही पैनल के सदस्यों की शपथ के बाद कैबिनेट मंत्रियों का शपथ ग्रहण शुरू होगा। इसमें सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी शपथ लेंगे। उनके बाद राजनाथ सिंह शपथ लेंगे। अमित शाह और नितिन गडकरी समेत अन्य कैबिनेट मंत्री शपथ लेंगे। कैबिनेट मंत्रियों के बाद राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार) और फिर राज्य मंत्री शपथ लेंगे। सभी को प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब शपथ दिलाएंगे।
मंत्रियों के शपथ लेने के बाद वर्णमाला क्रम से राज्यों के सांसद शपथ लेंगे। सबसे पहले अंडमान निकोबार, उसके बाद आंध्र प्रदेश फिर अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार और इसी तरह वर्णमाला क्रम में शामिल अन्य राज्यों के सांसद शपथ लेंगे।
26 जून को होगा लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव
सत्र के पहले तीन दिन संसद सदस्य शपथ लेंगे और इसके बाद 26 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। इस प्रक्रिया के पूरे होने के बाद 27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। वे इस संबोधन में नई सरकार के कामकाज की रूपरेखा स्पष्ट करेंगी।
संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद पीएम मोदी अपनी मंत्रिमंडल के सदस्यों का परिचय देंगे. इसके बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी। इस दौरान विपक्ष के आक्रामक रहने के आसार हैं। पीएम मोदी संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देंगे।
पहले दिन ही संसद में मार्च करते हुए पहुंचेंगे विपक्षी सांसद
नई लोकसभा में विपक्ष के तीखे तेवर पहले दिन से दिखाई देने की पूरी संभावना है। सोमवार को सुबह विपक्ष के इंडिया गठबंधन के लोकसभा सांसद संसद परिसर में एकत्रित होने के बाद एक साथ सदन की ओर मार्च करेंगे। विपक्षी सांसद देश के संविधान की प्रतियां लेकर पैदल मार्च करते हुए लोकसभा में जाएंगे।
गठबंधन की मजबूरी में फंसी रह सकती है सरकार
देश में 2014 से देश में एनडीए की सरकार है, लेकिन इस दौरान पिछली दो लोकसभाओं में वर्चस्व बीजेपी का बना रहा है, क्योंकि वह दोनों बार पूर्ण बहुमत में रही है। लेकिन एक दशक के बाद अब गठबंधन सरकार की वापसी हुई है। जिसमें सहयोगी दलों की शर्तें मानना बीजेपी की मजबूरी होगी। इस बार एनडीए के खाते में कुल 293 सीटें आई हैं। इसमें बीजेपी की 240, टीडीपी की 16, जेडीयू की 12, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) की 7, एलजेपी की 5, जेडीएस की 2, आरएलडी की 2, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा की 1 और एनसीपी की 1 सीट सहित अन्य सहयोगी दलों की सीटें शामिल हैं।
मजबूत विपक्ष के सामने सरकार का रास्ता आसान नहीं
बीजेपी 240 लोकसभा सीटें जीत कर बहुमत से 32 सीटें दूर रह गई है। जबकि विपक्ष दलों के इंडिया गठबंधन को 234 सीट मिलीं हैं। लगातार दो चुनावों में हार का सामना करने के बाद अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रही देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने इस बार अच्छी सफलता हासिल की है। कांग्रेस की सीटों की संख्या पिछले चुनाव में 52 थी जो अब बढ़कर 99 हो गई है।ै विपक्षी दलों की सीटों में कांग्रेस की 99, समाजवादी पार्टी की 37, तृणमूल कांग्रेस की 29, डीएमके की 22, शिवसेना (यूबीटी) की 9, एनसीपी (शरद पवार) की 8, आरजेडी की 4, आम आदमी पार्टी की 3, झारखंड मुक्ति मोर्चा की 3 और वाईएसआरसीपी 4 सीटों सहित अन्य विपक्षी दलों की सीटें शामिल हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 में 280 सांसद पहली बार चुनकर आए हैं और 262 सांसद दोबारा चुने गए हैं। इस लोकसभा में 74 महिला सांसद चुनकर आई हैं। पिछली लोकसभा में 78 महिला सांसद थीं। इस बार सबसे ज्यादा 11 महिला सांसद तृणमूल कांग्रेस की चुनी गई हैं।
जेडीयू और टीडीपी उठा सकते हैं अपने-अपने मुद्दे
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के सहयोगी दलों की ओर से भी अपने-अपने राज्यों और निर्वाचन क्षेत्रों से संबंधित मुद्दे उठाने की उम्मीद है। जेडीयू और टीडीपी दोनों के पास कुल 28 विधायक हैं और उन्होंने केंद्र में लगातार तीसरी बार बीजेपी की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिक निभाई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने अपने सांसदों को राज्य से जुड़े मुद्दों को उठाने का निर्देश दिया है। जिसमें राजधानी अमरावती और पोलावरम परियोजना के लिए फंड की मांग भी शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक, जेडीयू नेता ने कहा कि बिहार के सांसद भी विकास परियोजनाओं और रोजगार सृजन के लिए वित्तीय सहायता और बुनियादी ढांचे से जुड़े मुद्दे उठाएंगे।