नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रहे आतंकवादी हमलों को लेकर कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने हमलों को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर अपना गुस्सा जाहिर किया।
राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, “बधाई संदेशों का जवाब देने में व्यस्त नरेंद्र मोदी को जम्मू-कश्मीर में निर्ममता से मौत के घाट उतार दिए गए श्रद्धालुओं के परिवारों की चीखें तक नहीं सुनाई दे रही हैं।”
'प्रधानमंत्री अब भी जश्न में डूबे हैं'
राहुल गांधी ने आगे लिखा, “रियासी, कठुआ और डोडा में पिछले 3 दिनों में 3 अलग-अलग आतंकी घटनाएं हुई हैं, लेकिन प्रधानमंत्री अब भी जश्न में मग्न हैं। देश जवाब मांग रहा है… आखिर भाजपा सरकार में आतंकी हमलों की साजिश रचने वाले पकड़े क्यों नहीं जाते।”
पीएम की चुप्पी पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी बढ़ते आतंकवादी हमलों और पीएम की चुप्पी पर सवाल उठाया है। कांग्रेस का कहना है कि पीएम मोदी ने पाकिस्तानी नेताओं को एक्स पर खूब जवाब दिया, लेकिन क्रूर आतंकी हमलों की निंदा करने का उन्हें समय नहीं मिला! पिछले 10 साल में मोदी सरकार की झूठी छाती ठोकने की वजह से राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचा है, जबकि निर्दोष लोग कायरतापूर्ण आतंकी हमलों के शिकार हुए हैं, लेकिन सब कुछ पहले जैसा ही चल रहा है।
'जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों की आई बाढ़'
नरेंद्र मोदी के शपथ को लेकर कई राष्ट्राध्यक्ष देश के दौरे पर थे, तभी जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में एक भयानक और वीभत्स आतंकी हमला देखने को मिला, लेकिन पीड़ितों को स्वयंभू "परमात्मा" प्रधानमंत्री से सहानुभूति के एक शब्द भी नहीं मिले! क्यों?
इसके बाद, कठुआ में एक और आतंकी हमला हुआ, जिसमें एक नागरिक घायल हो गया। 11 जून को जम्मू के डोडा के छत्रकला में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में 6 सुरक्षाकर्मी और एक नागरिक घायल हो गए। अधिकारियों के अनुसार, आतंकवादियों ने भद्रवाह-पठानकोट के साथ चत्तरगल्ला इलाके में 4 राष्ट्रीय राइफल्स और पुलिस की ओर से संचालित एक संयुक्त चौकी पर गोलीबारी की। पिछले तीन दिनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों की बाढ़ आ गई है, जबकि पीएम मोदी पाकिस्तानी नेताओं- नवाज शरीफ और पाक पीएम शाहबाज शरीफ के बधाई पोस्ट पर प्रतिक्रिया देने में व्यस्त हैं। उन्होंने नृशंस आतंकी हमलों पर एक भी शब्द क्यों नहीं बोला? उन्होंने चुप्पी क्यों साध रखी है?
विफल रही है नई कश्मीर पॉलिसी
जम्मू-कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति की वापसी के भाजपा के बड़बोलेपन और खोखले दावों की पूरी तरह से पोल खुल गई है। यह तथ्य कि भाजपा ने कश्मीर घाटी में चुनाव लड़ने की भी जहमत नहीं उठाई, इस बात का प्रमाण है कि उनकी "नई कश्मीर" नीति पूरी तरह विफल रही है।
कांग्रेस ने पूछे ये सवाल?
1. क्या यह सच नहीं है कि पिछले 2 साल में पीर पंजाल रेंज - राजौरी और पुंछ, अब सीमा पार आतंकवाद का गढ़ बन गया है। क्योंकि पिछले दो साल में इन इलाकों में हुए आतंकी हमलों में 35 से ज्यादा जवान शहीद हो चुके हैं और अब आतंक पड़ोसी रियासी जिले में भी फैल गया है, जिसे अपेक्षाकृत शांत माना जाता था?
2. क्या यह सच नहीं है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में हमारे सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर कम से कम 19 बड़े आतंकी हमले हुए हैं, जिनमें सीआरपीएफ कैंप, आर्मी कैंप, एयरफोर्स स्टेशन और मिलिट्री स्टेशन- पुलवामा, पंपोर, उरी, पठानकोट, गुरदासपुर, अमरनाथ यात्रा हमला, सुंजवान आर्मी कैंप, पुंछ आतंकी हमले (अप्रैल और दिसंबर 2023) शामिल हैं, जिनमें हमारे कई कीमती जीवन खो गए हैं?
3. क्या यह सच नहीं है कि मोदी सरकार ने हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है, जबकि जम्मू-कश्मीर में 2,262 आतंकी हमले हुए हैं, जिनमें 363 नागरिक मारे गए और 596 जवान शहीद हुए हैं?