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नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को मणिपुर को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि मणिपुर एक वर्ष से शांति की राह देख रहा है। प्राथमिकता से उस पर विचार करना होगा। पिछले साल तीन मई को मैतई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में कुकी समुदाय ने आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किया था। जिसके बाद भड़की जातीय हिंसा में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं।

'देश के सामने मौजूद समस्याओं पर करना होगा विचार'

उन्होंने कहा कि चुनाव सहमति बनाने की प्रक्रिया है। संसद में किसी भी सवाल के दोनों पहलू सामने आए, इसीलिए ऐसी व्यवस्था है। चुनाव प्रचार में एक-दूसरे को लताड़ना, तकनीक का दुरुपयोग, झूठ प्रसारित करना ठीक नहीं है। विरोधी की जगह प्रतिपक्ष कहना चाहिए। उन्होंने कहा, चुनाव के आवेश से मुक्त होकर देश के सामने मौजूद समस्याओं पर विचार करना होगा। उन्होंने आगे कहा, चुनाव संपन्न हुए, उसके परिणाम भी आए। कल सरकार भी बन गई। ये सब कुछ हो गया। लेकिन उसकी चर्चा अभी तक चल रही है।

उन्होंने कहा, जो हुआ क्यों हुआ, कैसे हुआ, क्या हुआ..यह अपने लोकतंत्र प्रत्येक पांच वर्ष में होने वाली घटना है। हम अपना कर्तव्य करते रहते हैं। प्रति वर्ष करते हैं। प्रत्येक चुनाव में करते हैं। इस बार भी किया है।

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