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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने सरकार गठन पर चर्चा के बीच अग्निवीर योजना और यूसीसी (समान नागरिक संहिता) के साथ चार मुद्दों को उठाकर बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है। गुरुवार (06 जून) को केसी त्यागी ने कहा कि अग्निवीर योजना की समीक्षा हो। इस पर विचार करने की जरूरत है। यूसीसी पर सभी पक्षों से बातचीत हो। उन्होंने यह भी कहा कि जातिगत मतगणना पर बिहार ने बाहर का रास्ता दिखाया है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए।

यूसीसी पर व्यापक विचार विमर्श की आवश्यकता है: केसी त्यागी

केसी त्यागी ने कहा कि यूसीसी पर नीतीश कुमार ने विधि आयोग को चिट्ठी लिखी थी। उन्होंने कहा था कि हम इसके खिलाफ नहीं हैं, लेकिन व्यापक विचार विमर्श की आवश्यकता है। वन नेशन वन इलेक्शन का हम समर्थन कर चुके हैं। अग्निवीर योजना पर नए तरीके से सोचने की आवश्यकता है। एक बड़े तबके में असंतोष था। मेरा ऐसा भी मानना है कि उनके परिवारजनों ने भी चुनाव में विरोध जाहिर किया।

जेडीयू नेता ने कहा कि इस पर नए तरीके से विचार करने की आवश्यकता है। ताकि उन परिजनों की नाराज़गी दूर की जा सके।

'हम एनडीए के मजबूत हिस्सेदार के रूप में उभरकर आए'

इससे पहले केसी त्यागी ने कहा कि बिहार में हम एक बड़ी ताकत के रूप में लंबे समय से कार्यरत हैं। नीतीश कुमार ने जिस तरीके से गुड गवर्नेंस के जरिए वहां समाज के बड़े तबके का समर्थन हासिल किया है उसकी बानगी कई बार जनता के सामने आ चुकी है। महिलाओं का सशक्तीकरण, महिलाओं का सभी विभागों में आरक्षण, जो वंचित समाज के लोग हैं उनकी व्यापक हिस्सेदारी, बिहार में भी हम लोगों ने एनडीए का जनाधार बढ़ाया है। एक बार फिर हम एनडीए के मजबूत हिस्सेदार के रूप में उभरकर आए हैं।

वाजपेयी जी के समय चार मंत्रालय थे: त्यागी

इस सवाल पर कि कौन से वो विभाग हैं, जिसे जेडीयू चाहती है कि वह मिले ताकि बेहतर काम कर पाए। इस पर केसी त्यागी ने कहा कि पुराने अनुभव के आधार पर देखें तो अटल बिहारी वाजपेयी के समय उड्डयन मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, रेल मंत्रालय, टेलीकम्यूनिकेशन मंत्रालय है। हम लगभग 20 वर्षों से मांग कर रहे हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले। मंत्रालय को लेकर ना कोई हमारी जिद है ना शर्त है। बिहार के विकास के लिए जो नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार जो बेहतर समझेंगे वो हमें स्वीकार होगा।

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