नई दिल्ली: भारत सियाचिन ग्लेशियर से अपने सैनिकों को नहीं हटाएगा, क्योंकि ऐसा करने पर पाक यहां कब्जा जमा सकता है। लोकसभा में शुक्रवार को पूरक प्रश्नों के जवाब में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने यह प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत के कब्जे में सियाचिन ग्लेशियर का सर्वोच्च स्थल साल्टोरो दर्रा है जो 23 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है। लिहाजा अगर हम सियाचिन खाली करते हैं, तो दुश्मन उन मोर्चों पर कब्जा कर सकता है और वे तब सामरिक रूप से लाभ की स्थिति में आ जाएंगे और हमें अधिक नुकसान उठाना पड़ेगा। रक्षा मंत्री ने 1984 के युद्ध का उदाहरण भी दिया। पर्रिकर ने कहा, 'हमें कीमत चुकानी पड़ेगी और हम अपने सशस्त्र बलों के जवानों को सलाम करते हैं, लेकिन हम इस मोर्चे पर डटे रहेंगे, हमें इस सामरिक मोर्चे पर जवानों को तैनात रखना है। मैं नहीं समझता कि इस सदन में किसी को भी पाकिस्तान की बातों पर एतबार होगा।' रक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले 32 वर्षों में सियाचिन में 915 लोगों को जान गंवानी पड़ी।
सियाचिन ग्लेशियर में सेवारत सैनिकों को सतत चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाती है जो सामान्य चिकित्सा सुविधा से छह गुना अधिक है। सैनिकों को विभिन्न तरह की 19 श्रेणियों के वस्त्र मुहैया कराए जाते हैं और स्नो स्कूटर जैसे उपकरण भी उपलब्ध कराए जाते हैं। उन्होंने बताया कि आपूर्ति की कोई समस्या या कमी नहीं है लेकिन हम प्रकृति पर पूरी तरह से जीत हासिल नहीं कर सकते। सैन्य उपकरणों के स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देंगे पर्रिकर ने कहा कि सशस्त्र सेनाओं के आधुनिकीकरण और सैन्य उपकरणों के स्वेदशी निर्माण को प्रोत्साहन देने का काम लगातार चल रहा है। इन प्रयासों से हथियारों के आयात के स्तर में कमी दर्ज की गई है। पर्रिकर ने कहा कि दुनिया में कुल हथियारों के आयात में भारत का हिस्सा अभी तक 15 प्रतिशत था और हाल के समय में यह घटकर 14 प्रतिशत आ गया है। इस तरह से विदेशों से हथियारों के आयात में कमी आई है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र सेनाओं का आधुनिकीकरण एक सतत प्रक्रिया है और विभिन्न प्रकार के खतरों, सामरिक चुनौतियों, प्रौद्योगिकी बदलाव समेत सुरक्षा से जुड़े पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इस पहल को लगातार आगे बढ़ाया जाता है। सैन्य प्रतिष्ठानों पर रिपोर्ट 31 मार्च को आएगी पठानकोट वायु सेना स्टेशन पर हाल में हुए आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में सरकार ने कहा कि देश के विभिन्न सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा स्थिति को मजबूत बनाने के उपायों पर विचार के लिए समिति का गठन गया है, जो 31 मार्च 2016 को अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। लोकसभा में कमलनाथ और बी विनोद कुमार के प्रश्न के लिखित उत्तर में रक्षा मंत्री मनोहर ने यह जानकारी दी। रक्षा मंत्री ने कहा कि एक पूर्व सेना उप प्रमुख की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है जो 31 मार्च को अपनी रिपोर्ट देगी। पर्रिकर ने कहा कि सरकार के निर्देश के अनुरूप तीनों सेनाओं ने सैन्य प्रतिष्ठानों का सुरक्षा आॠडिट किया है। इन प्रतिष्ठानों की कमजोरियों को दुरुस्त करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।