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नई दिल्ली(जनादेश ब्यूरो): संसद के दोनों सदनों में आज (बुधवार) रोहित वेमुला और जेएनयू के मुद्दे पर सत्ता और प्रतिपक्ष के बीच तीखी नोंक झोंक हुई। बजट सत्र में कामकाज के पहले ही दिन सरकार को रोहित वेमुला और जेएनयू के मुद्दे पर दोनों ही सदनों में बहस के लिए सहमति देनी पड़ी । लोक सभा में जेएनयू मुद्दे पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं सदन को भरोसा दिलाया हूं कि किसी भी बेगुनाह को न सजा दी जाएगी और न ही परेशान किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी सरकार यह नहीं मानती कि जेएनयू राष्ट्र विरोधी एक्टिविटीज का केन्द है। राज्यसभा में इन मुद्दों पर कल (मंगलवार) को सहमति बन गई थी, जबकि लोक सभा में हंगामे को टालने के लिए सरकार को आज (बुधवार) सदन में ही इन मुद्दों पर चर्चा के लिए हामी भरनी पड़ी। लोक सभा में बजट सत्र में चर्चा की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव से हुई, लेकिन इस चर्चा को बीच में रोक कर रोहित वेमुला और जेएनयू के मुद्दे पर चर्चा हुई।

राज्यसभा में रोहित वेमुला के मुद्दे पर स्मृति ईरानी और मायावती में जमकर बहस हुई। सदन में बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती और उनके सांसदों ने रोहित वेमुला के मुद्दे पर भाजपा को निशाने पर लिया। मायावती और स्मृति ईरानी के बीच इस मुद्दे को लेकर तीखी बहस हुई। बसपा सांसदों ने भाजपा के दो मंत्रियों बंडारू दत्तात्रेय और स्मृति ईरानी के इस्तीफे की मांग की करते हुए हंगामा किया जिससे सदन की कार्यवाही को चार बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे कल (गुरूवार) तक के लिए स्थगित कर दिया गया। लोकसभा में कांग्रेस के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह सरकार दलितों पर अत्याचार कर रही है। सरकार के हर तंत्र का गलत इस्तेमाल हो रहा है। एक ओर तो ये सरकार डॉ. अंबडेकर के सिद्धातों की बात करती है तो दूसरी तरफ दलितों पर अत्याचार करती है। सरकार की कथनी और करनी में फर्क है। इनके मंत्री सर्टिफिकेट दे रहे हैं कि छात्र दलित है या नहीं। ये लोग जाति के आधार पर जीवन की कीमत तय कर रहे हैं। क्या यह मूल्य रह गया है एक आदमी के जीवन का। जेएनयू मामले पर उन्होंने कहा कि हम देश के खिलाफ नारों की कड़ी आलोचना करते हैं, लेकिन आठ छात्रों के नारों के आधार पर 8000 छात्रों पर कलंक लगाना ठीक नहीं है। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि अफजल गुरु आतंकवादी था या नहीं था। आप संसद पर हमला करने वालों के साथ हैं। आप देश के लिए शहीद हुए कैप्टन पवन कुमार के घर नहीं गए, लेकिन देश को तोड़ने की बात करने वालों के पास गए। उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि वह राष्ट्र विरोधी ताक़तों के साथ खड़े हुए। वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने उच्च सदन राज्यसभा में हैदराबाद में आत्महत्या कर जान गंवाने वाले छात्र रोहित वेमुला के मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा किया और सरकार पर आरोप लगाया कि 'बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के अनुयायी' रोहित को आत्महत्या करने के लिए विवश किया गया, क्योंकि आरएसएस की विचारधारा को जबरन थोपा जा रहा है। सदन के उपसभापति पीजे कुरियन के बार-बार कहने पर भी मायावती शांत नहीं हुईं और इसके बाद अन्य विपक्षी दलों के सदस्य भी नारेबाजी करते हुए सभापति के आसान के पास तक पहुंच गए। भाजपा की ओर से राज्यसभा सांसद और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मायावती का जवाब देते हुए कहा, 'एक बच्चे का राजनीतिक मोहरे (टूल) के तौर पर किसने उपयोग किया।' उन्होंने इस मसले पर सदन में तुरंत बहस कराए जाने की मांग की। राज्यसभा में कांग्रेस की तरफ से गुलाम नबी आजाद ने बहस की शुरुआत की। जेएनयू में देश विरोधी नारों को लेकर छात्रों पर लगे देशद्रोह के आरोपों को लेकर वह पूरे विपक्ष को एकजुट करके सरकार को घेरने की तैयारी में दिखे। विपक्ष का मानना है कि सरकार देशद्रोह के कानून का गलत इस्तेमाल कर रही है। सरकार संसद में छात्रों पर लगे देशद्रोह के आरोपों को बचाव करेगी और बीजेपी के सांसद देश विरोधी नारेबीजी पर सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का जिक्र भी कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जेएनयू मामले पर पार्टी के सांसदों को पूरी जानकारी दी। अरुण जेटली जानेमाने वकील हैं। देशद्रोह से संबंधित कानून और उससे जुड़े अन्य कानूनी पहलुओं से अच्छी तरह वाकिफ हैं।

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