नई दिल्ली(जनादेश ब्यूरो): राज्यसभा में रोहित वेमुला के मुद्दे पर स्मृति ईरानी और मायावती में जमकर बहस हुई। सदन में बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती और उनके सांसदों ने रोहित वेमुला के मुद्दे पर भाजपा को निशाने पर लिया। मायावती और स्मृति ईरानी के बीच इस मुद्दे को लेकर तीखी बहस हुई। बसपा सांसदों ने भाजपा के दो मंत्रियों बंडारू दत्तात्रेय और स्मृति ईरानी के इस्तीफे की मांग की करते हुए हंगामा किया जिससे सदन की कार्यवाही को चार बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे कल (गुरूवार) तक के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा में जेएनयू मुद्दे पर कल (मंगलवार) को चर्चा की सहमति बन गई थी। लेकिन बसपा प्रमुख मायावती कि मांग थी कि रोहित वेमुला मामले में अलग से चर्चा की जाए और यह चर्चा आज ही होनी चाहिए। बसपा ने उच्च सदन राज्यसभा में हैदराबाद में आत्महत्या कर जान गंवाने वाले छात्र रोहित वेमुला के मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा किया। पार्टी प्रमुख मायावती ने सरकार पर आरोप लगाया कि 'बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के अनुयायी' रोहित को आत्महत्या करने के लिए विवश किया गया।
उन्होंने कहा कि आरएसएस की विचारधारा को जबरन थोपा जा रहा है। मायावती ने कहा कि रोहित वेमुला मामले में जो जाँच समिति बनी है, उसमें किसी दलित को नहीं रखा गया है सदन के उपसभापति पीजे कुरियन के बार-बार कहने पर भी मायावती शांत नहीं हुईं और इसके बाद अन्य विपक्षी दलों के सदस्य भी नारेबाजी करते हुए सभापति के आसान के पास तक पहुंच गए। भाजपा की ओर से राज्यसभा सांसद और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मायावती का जवाब देते हुए कहा, 'एक बच्चे का राजनीतिक मोहरे (टूल) के तौर पर किसने उपयोग किया।' उन्होंने इस मसले पर सदन में तुरंत बहस कराए जाने की मांग की। राज्यसभा में कांग्रेस की तरफ से गुलाम नबी आजाद ने बहस की शुरुआत की। जेएनयू में देश विरोधी नारों को लेकर छात्रों पर लगे देशद्रोह के आरोपों को लेकर वह पूरे विपक्ष को एकजुट करके सरकार को घेरने की तैयारी में दिखे। विपक्ष का मानना है कि सरकार देशद्रोह के कानून का गलत इस्तेमाल कर रही है। सरकार संसद में छात्रों पर लगे देशद्रोह के आरोपों को बचाव करेगी और बीजेपी के सांसद देश विरोधी नारेबीजी पर सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का जिक्र भी कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जेएनयू मामले पर पार्टी के सांसदों को पूरी जानकारी दी। अरुण जेटली जानेमाने वकील हैं। देशद्रोह से संबंधित कानून और उससे जुड़े अन्य कानूनी पहलुओं से अच्छी तरह वाकिफ हैं।