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नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस नेता अश्विनी कुमार ने मंगलवार को कहा कि संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन के दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण बिल्कुल नीरस और दिशाहीन रहा। अश्विनी कुमार ने संसद के संयुक्त अधिवेशन के बाद कहा, 'राष्ट्रपति का अभिभाषण बिल्कुल दिशाहीन था। इसमें कुछ भी नया या प्रेरणादायक नहीं था।' उन्होंने इस पर भी निराशा जाहिर की कि राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) विवाद जैसे ज्वलंत मुद्दे को तव्वजो नहीं दी। राष्ट्रपति ने मंगलवार को बजट सत्र का आगाज करते हुए संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित किया। यह अभिभाषण केंद्र सरकार ने तैयार किया था। अश्विनी कुमार ने कहा, 'मैं बहुत निराश हूं, क्योंकि राष्ट्रपति ने जेएनयू विवाद या हैदराबाद विश्वविद्यालय में दलित शोधछात्र की आत्महत्या जैसे ज्वलंत मुद्दों को छुआ तक नहीं।'

उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट सत्र से पहले कुछ नया न पेश कर अपनी 'अयोग्यता साबित कर दी।' हालांकि केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कुमार के दावे का यह कहते हुए खंडन किया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार का फलसफा 'सबका साथ, सबका विकास' है। उन्होंने कहा कि देश मौजूदा सरकार के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है। नायडू ने आईएएनएस को बताया, 'आज राष्ट्रपति के अभिभाषण में सरकार की दिशा और उसकी नीतियों की घोषणा की गई... हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'देश हमारे प्रधानमंत्री के प्रबंधन में एक उज्ज्वल भविष्य पा रहा है और हम सही दिशा में अग्रसर हैं।' वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताई कि संसद के बजट सत्र के दौरान विपक्ष सहयोग करेगा। उन्होंने सत्र के फलदायक होने की उम्मीद जताई। पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा, 'बजट सत्र शुरू होने से मुझे इस सत्र के फलदायक होने का ख्याल आ रहा है।'

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