नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उम्मीद जतायी है कि संसद के बजट सत्र में देशवासियों की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं से जुडे सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर सार्थक चर्चा होगी तथा समय के सदुपयोग के साथ साथ सरकार की आलोचना और उसकी कमी भी उजागर की जायेगी। संसद का बजट सत्र शुरू होने से पहले मोदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि सवा सौ करोड देशवासियों की निगाहें संसद की कार्यवाही, रेल तथा आम बजट पर केन्द्रित रहेंगी। इसके अलावा वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की स्थिति को देखते हुए दुनिया का ध्यान भी इस बजट पर रहेगा। उन्होंने कहा कि संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए पिछले कई दिनों से सभी दलों के साथ विचार-विमर्श चल रहा है। यह बातचीत औपचारिकता से ऊपर उठ कर हुई है तथा कुछ दलों के नेताओं के साथ 'वन टू वन' बातचीत भी हुई है। जितनी भी बैठकें हुई हैं विपक्ष के सभी साथियों ने सकारात्मक रूख दिखाया है। उन्होंने कहा कि यह मेरा विश्वास है,कि संसद के समय का सदुपयोग होगा, सार्थक चर्चाएं होगी। देश के सामान्य नागरिकों की जो आशाएं-अपेक्षाएं हैं, उन पर गहन चिंतन होगा।
विपक्ष द्वारा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारियों की रिपोर्टों के मद्देनजर उन्होंने कहा कि मैं आशा करता हूं कि सदन का उपयोग गहन विचार-विमर्श के लिए होना चाहिए। सरकार की भी भरपूर आलोचना होनी चाहिए। सरकार की कमियां भी उजागर होनी चाहिए। यही एक मार्ग है लोकतंत्र को मजबूत बनाने का, जन-सामान्य की आशा-आकांक्षाओं को परिपूर्ण करने का। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ आज (मंगलवार) संसद का बजट सत्र शुरू हो गया है। रेल बजट 25 फरवरी को और आम बजट 29 फरवरी को पेश किया जायेगा।