नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रामीण क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए लोगों की भागीदारी के महत्व की पुरजोर वकालत की है। उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण विकास फेलो योजना (पीएमआरडीएफ) के तहत इन क्षेत्रों में काम करने वाले 200 युवाओं से बातचीत की। आधिकारिक बयान के अनुसार, मोदी ने पीएमआरडीएफ योजना को और मजबूत बनाने के लिए टिप्पणियां और सुझाव मांगे और इस दिशा में देश के ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में समर्पण और लगन के साथ काम करने वाले सहभागियों की प्रशंसा की जो पारिवारिक दबाव के बावजूद ऐसा कर रहे हैं। पीएमआरडी के 230 फेलो के साथ बातचीत के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की प्रस्तुति और मिली प्रतिक्रिया से यह साझा बात सामने आई है कि जन भागीदारी महत्वपूर्ण है । उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह बदलाव लाने में सबसे महत्वपूर्ण होगा।
बयान के अनुसार, इस योजना के तहत 11 युवा सहभागियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सुदूर, ग्रामीण, आदिवासी और वामपंथी चरमपंथ से प्रभावित क्षेत्रों में काम करने, महिला सशक्तीकरण, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, पोषण, आजीविका, स्वच्छ भारत, एक भारत श्रेष्ठ भारत और शासन में जन भागीदारी के बारे में अपने कार्यों के बारे में बताया। पीएमडीआरएफ ग्रामीण विकास मंत्रालय की पहल है जिसे राज्यों के सहयोग से लागू किया जाता है। इसके तहत गरीबी उन्मूलन और भारत के पिछड़े और सुदूर क्षेत्रों के लोगों के जीवन में सुधार लाने के विषय पर ध्यान दिया जाता है। इसके तहत पहले बैच को अप्रैल 2012 में शामिल किया गया था। इस पहल में टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंस, नॉलेज पार्टनर है। प्रधानमंत्री ने पीएमआरडी फैलो के कार्यों पर आधारित पुस्तक 'स्क्रिप्टेड चेंज' का भी लोकार्पण किया। इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्री वीरेन्द्र सिंह भी मौजूद थे।