मुंबई: लश्कर ए तैयबा का पाकिस्तानी-अमेरिकी सदस्य डेविड हेडली 26/11 मामले में सरकारी गवाह बनाए जाने के बाद वीडियो लिंक के जरिए यहां एक अदालत के समझ पेश हुआ और उसने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। गवाही के दौरान उसने हाफिज सईद का भी नाम लिया और कहा कि मुंबई हमले से (26/11) से पहले दो बार हमले की कोशिश नाकाम रही थी। उसने कहा कि तीसरा हमला कामयाब रहा। हेडली ने वीडियो लिंक के जरिए गवाही में कोर्ट को बताया कि नवंबर 2008 में मुंबई में अंतत: हमले करने से पूर्व लश्कर ने दो बार आतंकवादी हमले करने की असफल कोशिश की थी। पहली कोशिश सितंबर और दूसरी कोशिश अक्तूबर में की गई थी। हडली ने बताया कि वह लश्कर के प्रमुख हाफिज सईद से प्रभावित होकर आतंकी संगठन शामिल हुआ था । उसने कहा कि हाफिज से वह पीओके में 2002 में मिला था।
हेडली लश्कर में शामिल हुआ और उसने मुजफ्फराबाद में वर्ष 2002 में पहला प्रशिक्षण लिया। हेडली ने इस बात का खुलासा किया कि उसे हाफिज सईद ने आईएसआई के मेजर इकलाल के पास भेजा था। साथ ही उसे हाफिज सईद से निर्देश मिलते थे। उसने कहा कि हाफिज से उसकी पहली मुलाकात पीओके में वर्ष 2002 में हुई थी। मुंबई पुलिस ने याचिका में कहा था कि हेडली के खिलाफ अमेरिकी अदालत के निर्णय से यह स्पष्ट है कि वह लश्कर का सदस्य था और उसने आतंकवादी हमले में आपराधिक षड्यंत्र रचने में सक्रिय भूमिका निभाई थी। हेडली की गवाही से मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के पीछे के षड्यंत्र के बारे में कई अहम खुलासे हो रहे हैं। इन हमलों में 166 लोगों की मौत हुई थी। अदालत ने 10 दिसंबर 2015 को हेडली को इस मामले में सरकारी गवाह बनाया था और उसे आठ फरवरी को अदालत के समक्ष पेश होने को कहा था। उस समय हेडली ने विशेष न्यायाधीश जी ए सनप से कहा था कि अगर उसे माफ किया जाता है तो वह गवाही देने को तैयार है। न्यायाधीश सनप ने हेडली को कुछ शर्तों के आधार पर सरकारी गवाह बनाया था और उसे माफी दी थी।