नई दिल्ली: कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड मुद्दे पर अपना पक्ष सामने रखने के लिए ‘अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तरों’ का एक सेट निकाला है तथा पार्टी ने कहा है कि गांधी परिवार को यंग इंडियन लि. से कोई लाभ नहीं मिला है। पार्टी ने इन दावों को ‘पूरी तरह गलत’ कहकर खारिज कर दिया है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लि. के वित्तीय संकटों के चलते गठित की गयी कंपनी यंग इंडियन (वाइआई) लि. एक ‘रियल एस्टेट कंपनी’ है। कांग्रेस ने इस बात को भी रेखांकित किया है कि कानून में राजनीतिक दलों द्वारा कर्ज दिये जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है तथा चुनाव आयोग ने नवंबर 2012 में इस संबंध में एक स्पष्ट आदेश पारित किया था। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति ने कहा, ‘भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इस आधार पर कांग्रेस की मान्यता खत्म करने की मांग की थी किन्तु उनकी शिकायत को उस समय चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ के आदेश द्वारा खारिज कर दिया गया था।’
क्या सोनिया या राहुल गांधी को यंग इंडियन से वित्तीय लाभ हुआ, इस पर पाटी ने कहा कि नहीं। यंग इंडियन के निदेशक या शेयरधारक होने के नाते कानून के तहत कंपनी से उन्हें किसी भी तरह का लाभ लेने पर प्रतिबंध है (और उन्होंने कुछ लिया भी नहीं है)। यंग इंडियन एक गैर लाभप्रद एवं धारा 25 कंपनी है। पार्टी ने इस बात से भी इंकार किया है कि एजेएल से वाईआई को कोई परिसंपत्ति स्थानांतरित की गयी है। कांग्रेस ने अपनी वेबसाइट पर ‘नेशनल हेराल्ड’ शीर्षक से डाले गए एफएक्यूज में कहा, ‘एजेएल की सभी परिसंपत्तियां एवं आय कंपनी में ही रहेंगी। एक पैसा भी वाईआई, वाईआई निदेशकों या वाईआई शेयरधारकों के पास नहीं गया है।’ पार्टी ने इन दावों को ‘गलत’ बताते हुए खारिज कर दिया कि एजेएल की संपत्ति हडपने के लिए वाईआई की स्थापना की गई। उसने कहा, ‘इसके विपरीत यंग इंडियन एक गैर लाभप्रद धारा 25 कंपनी होने तथा एजेएल की प्रमुख शेयरधारक होने के नाते एजेएल की संपत्तियों की सुरक्षा बढाती है।’ वित्त मंत्री अरूण जेटली के इस दावे कि वाईआई एक रियल एस्टेट कंपनी है, उसने कहा कि यह बयान पूरी तरह गलत है। उसने कहा, ‘पूरी तरह से गलत। वाईआई किसी रियल एस्टेट संपत्ति या अचल संपत्ति का स्वामित्व नहीं करती है। एजेएल के पास ही सभी संपत्तियों का स्वामित्व बना हुआ है।’ कांग्रेस ने इन दावों से भी इंकार किया कि वाईआई अब एजेएल की संपत्ति का स्वामित्व करती है। उसने कहा, ‘नहीं, यंग इंडियन एवं एसोसिएटेड जर्नल, दोनों भिन्न प्रतिष्ठान हैं। एजेएल की सभी संपत्तियां एवं परिसंतियां एजेएल के पास बनी हुई हैं। यह आरोप उन गलत आरोपों के समान है कि इंडियन होटल्स लि. के किसी शेयरधारक के पास ताज समूह की होटल संपत्तियों पर अधिकार है और वह किसी खास होटल का स्वामित्व करता है या उसमें जा सकता है।’ कांग्रेस द्वारा एजेएल को 90 करोड़ रुपये का कर्ज दिये जाने का औचित्य बताते हुए पार्टी ने कहा कि उसने पिछले कई दशकों से एजेएल को वित्तीय सहयोग दिया हालांकि कंपनी की वित्तीय स्थिति कमजोर बनी रही। कांग्रेस ने कहा, ‘इससे पार्टी की एजेएल को सहयोग देने की प्रतिबद्धता झलकती है जो स्वाधीनता आंदोलन की आवाज रहा है।’ उसने कहा कि कोई भी वाणिज्यिक बैंक कंपनी की नकारात्मक मूल्यांकन के कारण एजेएल को एक भी रूपये का रिण देने को तैयार नहीं था। कंपनी का यह नकारात्मक मूल्यांकन उसकी मामूली आय तथा बैलेंस शीट पर अत्यधिक दबाव के कारण हुआ था। स्वामी की शिकायत के अनुसार मामले में नामजद सभी वाईआई के निदेशक हैं। इस कंपनी की स्थापना 2010 में हुई थी तथा उसने नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक एजेएल का रिण का जिम्मा अपने उपर ले लिया था। सोनिया एवं राहुल गांधी ने पिछले सप्ताह उच्चतम न्यायालय की शरण लेते हुए उनके एवं पांच अन्य के खिलाफ फौजदारी मुकदमा एवं उनके नाम पर जारी सम्मन खारिज करवाने का अनुरोध किया था। उन्होंने यह अनुरोध कई आधारों पर दाखिल किया जिनमें यह आधार भी शामिल है कि स्वामी द्वारा नेशनल हेराल्ड मामले में शिकायत उन्हें बदनाम करने के लिए राजनीतिक मकसद से उठाया गया एक कदम है।