नई दिल्ली: मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरूपम को पत्रिका ‘कांग्रेस दर्शन’ में छपे विवादास्पद लेखों के प्रकाशन के मामले में राहत मिल गयी है और पार्टी ने जवाहरलाल नेहरू की आलोचना करने वाले तथा सोनिया गांधी के पिता को ‘फासीवादी सैनिक’ बताने वाले लेखों के लिए निरूपम की माफी को स्वीकार कर लिया है और उनसे भविष्य में सावधानी बतरने को कहा है। पार्टी के सूत्रों ने कहा, ‘संजय निरूपम ने पार्टी की पत्रिका ‘कांग्रेस दर्शन’ में कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ पूरी तरह गलत, निराधार और दुर्भावनापूर्ण लेखों के प्रकाशन की जिम्मेदारी स्वीकार की और इसके लिए बिना शर्त माफी मांगी।’ उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय अनुशासन कार्य समिति ने उनकी माफी को स्वीकार करते हुए उनसे भविष्य में ‘कांग्रेस दर्शन’ में संपादन, मुद्रण और प्रकाशन करते समय अधिक सावधानी बरतने को कहा है ताकि इस तरह की गंभीर गलती नहीं दोहराई जाए।’
कश्मीर और चीन पर नेहरू की नीतियों की आलोचना करने वाले लेखों से असहज हुई कांग्रेस ने पिछले महीने पत्रिका के संपादक निरूपम को कारण बताओ नोटिस भेजा था। वरिष्ठ नेता ए के एंटनी की अध्यक्षता वाली एआईसीसी की अनुशासन कार्य समिति ने मुंबई से पूर्व लोकसभा सदस्य निरूपम को जनवरी के दूसरे सप्ताह में नोटिस भेजा था। कांग्रेस से पहले शिवसेना के सदस्य रहे निरूपम को नोटिस का जवाब देने के लिए कुछ दिन का समय दिया गया था। निरूपम के जवाब देने के कुछ दिन बाद पार्टी ने आज स्थिति साफ की। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के 15 और 16 जनवरी को हुए मुंबई दौरे से कुछ दिन पहले निरूपम को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। कांग्रेस ने तब कहा था कि पार्टी ने निरूपम को मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया था और किसी पत्रिका का संपादक नहीं बनाया था। पार्टी प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने तो यहां तक कहा था, ‘हमें इस प्रकाशन से कोई लेना-देना नहीं है। यह पत्रिका कांग्रेस से जुड़ी नहीं रही है।’