नई दिल्ली: कांग्रेस ने शुक्रवार को गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की बेटी अनार पटेल से जुड़े विवाद के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछे और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच तथा गुजरात की मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की। प्रधानमंत्री मोदी से इस मुद्दे पर खुद को ‘पाक साफ साबित करने के लिए’ कहते हुए पार्टी ने उनसे पूछा कि गुजरात की मुख्यमंत्री पटेल से कथित रूप से करीबी कारोबारी संबंध रखने वाली एक कंपनी को गिर शेर अभयारण्य के पास सरकारी जमीन आवंटित करते समय क्या उन्हें तत्कालीन राजस्व मंत्री आनंदीबेन पटेल के ‘स्पष्ट हितों के टकराव’ की जानकारी थी। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आनंद शर्मा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘क्या यह आवंटन कैबिनेट के फैसले पर आधारित था और इसकी मंजूरी तत्कालीन मुख्यमंत्री (मोदी) को दी थी और क्या हितों के टकराव, अगर है तो, का खुालासा किया गया था?’
उन्होंने कहा कि संसद के बजट सत्र में ‘निश्चित रूप से’ यह मुद्दा उठाया जाएगा क्योंकि यह सीधे तौर पर प्रधानमंत्री से जुड़ा है, ‘‘जिनका दावा है कि वह भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करते हैं।’’ शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाली एसआईटी द्वारा निष्पक्ष जांच से ही सच सामने आएगा क्योंकि सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘हम मांग करते हैं कि इस पूरे मामले की समयपाबंद तरीके से जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक एसआईटी बनाई जाए। निष्पक्ष जांच के लिए गुजरात की मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।’ सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचना का हवाला देते हुए शर्मा ने दावा किया कि वर्ष 2010 में गुजरात सरकार ने एक रिसॉर्ट बनाने के लिए ‘वर्ल्डवुड्स रिसॉर्ट्स एंड रियलिटी प्राइवेट लिमिटेड’ को गिर बाघ अभयारण्य के पास 250 एकड़ भूमि आवंटित की। इस आवंटन 15 रुपये प्रति वर्ग मीटर या 60 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर पर हुआ। शर्मा ने आरोप लगाया कि इसलिए भूमि का कुल दाम केवल डेढ़ करोड़ रुपये रहा जबकि इस जमीन की अनुमानित बाजार कीमत करीब 50 लाख रुपये प्रति एकड़ या 250 एकड़ के लिए कुल 125 करोड़ रुपये है। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी ने इसके बाद पास की 172 एकड़ कृषि योग्य भूमि खरीदी जिससे उसकी मालिकाना कुल भूमि 422 एकड़ हो गई। इस बीच, आम आदमी पार्टी ने भी इस मामले में गुजरात की मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगा और जांच समिति के गठन की मांग की।