नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पलटवार करते हुए कहा कि "डेढ़ साल से मोदी प्रधानमंत्री हैं, उनको यह मालूम नहीं हुआ है कि प्रधानमंत्री का काम देश चलाने का होता है, बहाने बनाना नहीं होता।" उन्होंने कहा कि अब उन्हें देश चलाने का काम करना चाहिए। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यह भी दावा किया कि किसानों, मजदूरों के साथ साथ अब उद्योगपति भी रो रहे हैं क्योंकि उन्हें शिकायत है कि सरकार उनका काम ही नहीं कर रही है। गौरतलब है कि डिब्रूगढ़ से लेकर दिल्ली तक चली यह ज़ुबानी जंग इशारा कर रही है कि बजट सत्र भी हंगामे की भेंट चढ़ जाएगा। दिल्ली में अपने पार्टी नेताओं के साथ नरेगा और दूसरी योजनाओं के अमल पर बातचीत कर रहे राहुल गांधी ने मनरेगा के मामले में भी प्रधानमंत्री को निशाने पर लिया। राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा, "भाजपा की सरकार, आरएसएस और मोदी, हमने जो प्रोग्राम गरीबों के लिए शुरू किए थे, उन पर आक्रमण कर रहे हैं।"
कांग्रेस की बैठक में मौजूद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों ने मनरेगा समेत दूसरी बड़ी सरकारी योजनाओं के कार्यान्वन पर अपने-अपने राज्यों के अनुभव रखे। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने बैठक के बाद कहा, जब से एनडीए सरकार आई है मनरेगा के लिए ग्रांट एक तिहाई घटा दी गई है। " जबकि उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा, "पिछले 18 महीनों में फंड्स कम मिलने की वजह से हम सिर्फ 43 फीसद लोगों को मनरेगा में रोजगार दिला पाए हैं। गैर-भाजपा शासित राज्यों को पूरा फंड्स नहीं दिया जा रहा है। उनके साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है।" अब कांग्रेस की तैयारी यूपीए के समय शुरू हुई योजनाओं को सही तरीके से लागू कराने के लिए एनडीए सरकार पर दबाव बढ़ाने की है। मनरेगा और दूसरी बड़ी सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन को लेकर जिस तरह से राहुल गांधी ने सवाल उठाए हैं और सीधे प्रधानमंत्री पर हमला किया है उससे साफ है कि सरकार और कांग्रेस के बीच अहम मुद्दों पर गतिरोध बना हुआ है और अगले बजट सत्र के दौरान महत्वपूर्ण मुद्दों पर आम राय बनाना प्रधानमंत्री के लिए आसान नहीं होगा।