नई दिल्ली: तंजानिया की एक छात्रा के साथ बेंगलुरू में कथित तौर पर मारपीट और उसके कपड़े फाड़े जाने की घटना के सिलसिले में तंजानियाई उच्चायुक्त और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल शुक्रवार को वहां जाएगा। सरकार ने इस घटना को ‘पृथक’ घटना करार दिया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा बुलायी गयी एक बैठक में टीम भेजने का फैसला किया गया। विदेश मंत्री ने इस घटना को शर्मनाक बताया। इस घटना को ‘पृथक’ बताते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि यह एक सड़क दुर्घटना के बाद उसकी प्रतिक्रिया के तौर पर हुई घटना (चेन रिएक्शन) थी। उस दुर्घटना में एक महिला की मौत हो गयी थी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय को राज्य पुलिस आयुक्त से रिपोर्ट मिली है और उन्होंने आश्वासन दिया है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने हालांकि रिपोर्ट का ब्यौरा नहीं दिया। प्रवक्ता ने बताया कि मंत्री ने विदेश सचिव एस जयशंकर सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलायी और कहा, ‘हम घटना की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं।’ उन्होंने कहा कि एक टीम शुक्रवार को बेंगलुरू के लिए रवाना हो रही है जिसमें तंजानियाई उच्चायुक्त जॉन.डब्ल्यू.एच. किजाजी और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।
इनमें संयुक्त सचिव (राज्य) भी शामिल रहेंगे। किजाजी ‘अफ्रीकन डिप्लोमेटिक कोर’ के डीन भी हैं। इसके नस्ली हमला होने संबंधी तंजानियाई उच्चायुक्त की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर स्वरूप ने कहा कि पहले एक सड़क दुर्घटना हुयी थी और उसकी प्रतिक्रिया हुई जिसमें यह ‘शर्मनाक और अफसोसजनक’ घटना हुयी। प्रवक्ता ने कहा, ‘हमने अपने अफ्रीकी मित्रों को आश्वासन दिया है कि हमले में शामिल लोगों को सख्त सजा दी जाएगी और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी तथा भारत में अफ्रीकी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हम सभी कदम उठाएंगे।’ रविवार को बेंगलुरू में एक कार से एक महिला के कुचले जाने के बाद भीड़ ने ‘गलत पहचान’ के चलते तंजानिया की 21 वर्षीय छात्रा को कथित तौर पर पीटा था और उसके कपड़े फाड़ दिए थे। इसके बाद पूर्वी अफ्रीकी देश के अधिकारियों ने यह मामला भारत सरकार के समक्ष उठाया था।