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नई दिल्ली: कंगना रनौत ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका यानी बीएमसी द्वारा उनके ऑफिस का एक हिस्सा गिराए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में कंगना रनौत ने गुहार लगाई है कि अगर बीएमसी बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करता है तो बिना उनका पक्ष सुने सुप्रीम कोर्ट कोई आदेश जारी न करे। 

दरअसल, बीते दिनों फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के दफ्तर में तोड़फोड़ के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को कड़ी फटकार लगाते हुए बीएमसी की नोटिस को रद्द कर दिया और मुआवजा देने का आदेश दिया था। खंडपीठ के न्यायाधीश एस जे काथावाला और न्यायमूर्ति आर आई छागला ने कहा था कि कंगना रनौत अपनी संपत्ति को नियमित करने के लिए कदम उठा सकती हैं। साथ ही क्षतिपूर्ति के लिए के लिए एक आंकलनकर्ता को नियुक्त कर सकती हैं।

चंडीगढ़: किसान आंदोलन से जुड़े एक ट्वीट को लेकर फजीहत झेलने के बाद अब कंगना रनौत की एक और मुसीबत बढ़ गई है। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को लेकर कंगना रनौत ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने एक महिला आंदोलकारी को शाहीनबाग वाली 'दादी' बिलकिस बानो बताया था। अब इसे लेकर कंगना रनौत को पंजाब के एक वकील ने लीगल नोटिस जारी किया है और ट्वीट के लिए माफी की मांग की है। 

पंजाब में ज़ीरकपुर के वकील ने अभिनेत्री कंगना रनौत को कानूनी नोटिस भेजकर अपने ट्वीट पर माफी मांगने की मांग की, जिसमें कृषि कानूनों के विरोध प्रदर्शन में एक बूढ़ी महिला को 'बिलकिस दादी' बताया गया था। बता दें कि कंगना ने दादी के नाम से जानी जाने वाली 90 वर्षीय बिलकिस बानो पर हमला करते हुए ट्वीट किया था, जिसे बाद में फेक पाए जाने पर उन्होंने डिलीट कर दिया। 

कंगना ने एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा था, 'हाहाहा...यह वही दादी हैं, जिन्हें टाइम मैग्जीन में भारत के सबसे पावरफुल लोगों में शामिल किया था। यह तो 100 रुपये में अवेलेबल हैं।

मुंबई: बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत और बीएमसी के बीच के विवाद पर शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना के पक्ष में फैसला दिया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि इस बात के प्रमाण हैं कि तोड़े गए कंगना के दफ्तर पर कोई अवैध निर्माण नहीं किया गया था। कोर्ट ने कहा कि बीएमसी की कार्रवाई गलत इरादे से की गई थी। हाईकोर्ट ने बीएमसी के डिमोलिशन के  आदेश को निरस्त कर दिया है और साथ ही दफ्तर में तोड़फोड़ से कंगना को हुए नुकसान का मूल्यांकन कर उसे बीएमसी को देने का आदेश दिया है।

इसके अलावा बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना रनौत को सोशल मीडिया पर विचारों को रखने में संयम बरतने को कहा है। कोर्ट ने यह भीकहा है कि किसी राज्य को किसी नागरिक द्वारा की गई गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों को नजरअंदाज किया जाना चाहिए। किसी नागरिक की ऐसे गैर जिम्मेदाराना टिप्पणियों के लिए इस तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि कंगना को धमकाने लिए बाहुबल का इस्तेमाल किया गया। बीएमसी द्वारा की गई कार्रवाई गलत नीयत से की गई प्रतीत होती है।

मुंबई: मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के खिलाफ कंगना रनौत की याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। बंबई उच्च न्यायालय ने अभिनेत्री कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दे दी है, लेकिन राजद्रोह के मामले में दोनों से 8 जनवरी को मुंबई पुलिस के सामने पेश होना होगा।

बता दें कि अभिनेत्री कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल ने सोमवार को बंबई हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था, जिस पर आज सुनवाई हुई। यह प्राथमिकी सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए समाज में नफरत और सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के आरोप में दर्ज की गई है।

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