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नई दिल्ली: कंगना रनौत ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका यानी बीएमसी द्वारा उनके ऑफिस का एक हिस्सा गिराए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में कंगना रनौत ने गुहार लगाई है कि अगर बीएमसी बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करता है तो बिना उनका पक्ष सुने सुप्रीम कोर्ट कोई आदेश जारी न करे। 

दरअसल, बीते दिनों फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के दफ्तर में तोड़फोड़ के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को कड़ी फटकार लगाते हुए बीएमसी की नोटिस को रद्द कर दिया और मुआवजा देने का आदेश दिया था। खंडपीठ के न्यायाधीश एस जे काथावाला और न्यायमूर्ति आर आई छागला ने कहा था कि कंगना रनौत अपनी संपत्ति को नियमित करने के लिए कदम उठा सकती हैं। साथ ही क्षतिपूर्ति के लिए के लिए एक आंकलनकर्ता को नियुक्त कर सकती हैं।

न्यायाधीशों ने कहा शुक्रवार को अपने फैसले में कहा था कि बीएमसी इस मामले में गलत इरादे से आगे बढ़ी और नागरिकों के अधिकारों के खिलाफ जा कर तोड़फोड़ की। गौरतलब है कि बीएमसी ने नौ सितंबर को कंगना के कायार्लय के कुछ हिस्से को अवैध बताते हुए तोड़फोड़ की थी। हालांकि बाद में अदालत ने बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। कंगना ने इस कार्रवाई को गैरकानूनी बताते हुए बम्बई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने साथ ही तोड़फोड़ के नुकसान की क्षतिपूर्ति की मांग की थी। 

 

 

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