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गुंटूर: आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को दावा किया कि सीएम वीईएस जगनमोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार की अगले विधानसभा चुनाव में हार तय है। उन्होंने कहा कि जिस तरह पड़ोसी राज्य तेलंगाना में बीआरएस सरकार को हार का सामना करना पड़ा, उसकी तरह आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव हारने जा रही है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना के चुनाव नतीजे तीन महीने बाद आंध्र प्रदेश में दोहराए जाएंगे। नायडू ने कहा कि अपने 45 साल के राजनीतिक सफर में उन्होंने कोई अनियमितता या भ्रष्टाचार नहीं किया है, लेकिन सीएम जगन ने उनकी सरकार पर सवाल उठाने वालों को डराने के लिए उन्हें गलत तरीके से जेल में डाला।

गुंटूर जिले में चक्रवात से प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद टीडीपी अध्यक्ष नायडू ने आंध्र प्रदेश सरकार पर मिचौंग तूफान के लिए पर्याप्त एहतियाती कदम उठाने में विफल रहने का आरोप लगाया। साथ ही नायडू ने चक्रवाती तूफान के कारण होने वाले नुकसान को रोकने में विफलता के लिए प्रदेश सरकार की आलोचना की।

हैदराबाद: आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने कौशल विकास मामले में पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को बड़ी राहत दी है। हाई कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू को नियमित जमानत दे दी है। इससे पहले चंद्रबाबू नायडू को अंतरिम जमानत दी थी। पूर्व सीएम 28 नवंबर तक अंतरिम जमानत पर हैं।

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू को 29 नवंबर से सार्वजनिक रैलियां-बैठकें आयोजित करने या उनमें भाग लेने की अनुमति दी है।

इलाज की डिटेल उपलब्ध कराने का दिया था आदेश

इससे पहले अक्टूबर में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख को स्वास्थ्य आधार पर चार सप्ताह की सशर्त अंतरिम जमानत दी गई थी। उनके अधिवक्ताओं ने अदालत को सूचित किया कि नायडू को मोतियाबिंद सर्जरी कराने के लिए जमानत की जरूरत है। कोर्ट ने नायडू को एक लाख रुपये का जमानत बांड भरने का निर्देश दिया था।

इसके अलावा अदालत ने टीडीपी प्रमुख को आत्मसमर्पण के समय केंद्रीय कारागार अधीक्षक को सीलबंद लिफाफे में इलाज और जिस अस्पताल में उनका इलाज हुआ, उसकी डिटेल उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया था।

हैदराबाद: आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने कौशल विकास मामले में आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम और टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को चार सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी। उच्च न्यायालय के वकील सुनकारा कृष्णमूर्ति ने यह जानकारी दी।

हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक, चंद्रबाबू नायडू को 24 नवंबर तक के लिए जमानत दी गई है। उन्हें 24 नवंबर को सरेंडर करने के लिए कहा गया है। कोर्ट 10 नवंबर को उनकी मुख्य जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा। कोर्ट ने उन्हें अस्पताल जाने के अलावा किसी भी अन्य तरह के कार्यक्रम में न जाने का आदेश दिया है। उन्हें खास तौर पर मीडिया और राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहने के लिए कहा गया है।

गौरतलब है कि चंद्रबाबू नायडू को 371 करोड़ रुपये के कौशल विकास घोटाले में नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। राज्य के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने उन्हें नौ सितंबर को सुबह करीब छह बजे ज्ञानपुरम में बस में सोते वक्त गिरफ्तार किया था। सीआईडी का दावा है कि नायडू के ही नेतृत्व में मुखौटा कंपनियों के जरिये सरकारी धन को निजी संस्थाओं में हस्तांतरित करने की साजिश रची गई।

नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू की याचिका का परीक्षण करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो चुका है। लेकिन फिलहाल कोई अंतरिम राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में दाखिल सभी दस्तावेज तलब किए। अब इस मामले की अगली सुनवाई 9 अक्तूबर को होगी।

चंद्रबाबू नायडू ने एफआईआर और रिमांड पर दिए जाने को चुनौती दी है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने की। आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने कौशल विकास घोटाले के मामले में उनके खिलाफ एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को 2015 में मुख्यमंत्री रहते हुए स्किल डेवलपमेंट स्कीम में भ्रष्टाचार के आरोप में 9 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में पूर्व सीएम पर 371 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप हैं।

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