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गुवाहाटी: असम के दर्रांग जिले में स्थित सिपझार में गुरुवार को हुई अतिक्रमण हटाने के दौरान हुई हिंसा को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस घटना में 11 से अधिक लोग घायल हुए हैं। सरमा ने कहा कि हमने इस मामले में न्यायिक जांच का आदेश दिया है। वहीं, इस सवाल पर कि क्या सिपाझार में अतिक्रमण हटाने का अभियान अब भी जारी रहेगा। सरमा ने कहा कि हमें इसे जारी रखना होगा। हम बिना आधार के 30-40 एकड़ जमीन आवंटित नहीं कर सकते, बाकी लोग कहां जाएंगे? लेकिन हां, इसे लेकर मैं उनके साथ एक बार फिर बातचीत करूंगा। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि लोगों को एक स्थान से हटाने के काम में पुलिस को शामिल करना महत्वपूर्ण नहीं है, बातचीत से भी मदद मिलती है।

मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि इस अभियान के लिए चार महीने से विचार-विमर्श किया जा रहा था। इसे लेकर कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुझसे मुलाकात की थी और ऐसे लोगों को भूमि आवंटित करने को लेकर सहमति जताई थी जिनके पास कोई जमीन नहीं है। 27 हजार एकड़ जमीन का हमें उत्पादक उपयोग करना है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वहां पर एक मंदिर था लेकिन उस पर भी अतिक्रमण कर लिया गया था।

इसके अलावा इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था। इस वीडियो में एक कैमरामैन इस दौरान मारे गए एक व्यक्ति के शव को उछल-उछल कर लात मारता दिख रहा है। इसे लेकर मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि हम इसकी जांच करेंगे कि कैमरामैन घटनास्थल पर कैसे पहुंचा और क्यों उसने एक निश्चित व्यक्ति पर हावी करने की कोशिश क्यों की। बता दें कि उक्त कैमरामैन को गिरफ्तार कर लिया गया है।

सरमा ने कहा कि आप एक वीडियो से सरकार को बदनाम नहीं कर सकते। 1983 के बाद से यह इलाका हत्याओं के लिए कुख्यात है... अन्यथा, सामान्यत: लोग मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण नहीं करते। मैंने हर ओर अतिक्रमण देखा है। शांतिपूर्ण अतिक्रमण हटाओ अभियान पर सहमति बनी थी, लेकिन किसने उकसाया?  उन्होंने कहा कि यह अभियान तात्कालिक आवश्यकता है। यह केवल एक रात के अंदर नहीं किया गया है।

 

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