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भुवनेश्वर: किसानों के मुद्दों पर सत्ताधारी पार्टी और विपक्षी दल के बीच वाद-विवाद के साथ मंगलवार को ओडिशा विधानसभा में शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई। अध्यक्ष प्रदीप अमात ने इस कारण पूरे दिन भर के लिए इस सत्र को स्थगित कर दिया।

मृत्युलेख संदर्भो का जिक्र होने के साथ ही कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक अध्यक्ष के पोडियम के पास पहुंच कर राज्य में किसानों की स्थिति पर नारे लगाने लगे। कांग्रेस पार्टी के सदस्यों को एपरेन पहने देखा गया। जिन पर कई मांगों को लिखा गया था, वहीं भाजपा ने खराब हुई फसलों को विधानसभा में दिखाया।

इसके बाद, अध्यक्ष प्रदीप ने एक घंटे के लिए सत्र स्थगित कर दिया था। एक घंटे के बाद जब विधानसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, तो विपक्षी दलों के बीच हुई झड़प ने अध्यक्ष को सत्र को बुधवार तक के लिए स्थगित करने पर मजबूर कर दिया। सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजद) के सदस्यों ने धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की मांग को लेकर हंगामा किया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए।

इसके बाद, बीजद के सदस्यों ने विधानसभा के परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धान के यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की मांग करते हुए धरना दिया। विपक्ष के नेता नपसिंह मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा, कांग्रेस ने प्रश्नकाल सत्र को रद्द करने और किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने की मांग की। दुख की बात है कि अध्यक्ष ने मुझे सदन में कुछ भी कहने की अनुमति नहीं दी और सत्र को स्थगित कर दिया।

मिश्रा ने कहा कि अध्यक्ष को सर्वपक्षीय बैठक आयोजित करना चाहिए और किसानों की परेशानियों को हल करने और उनकी आत्महत्याओं को रोकने के लिए हर संभव मदद के बारे में चर्चा करनी चाहिए। भाजपा विधायक प्रदीप पुरोहित ने कहा कि सूखा पडऩे, फसल के खराब होने और बिन मौसम की बारिश ने राज्य में किसानों की स्थिति को दयनीय बना दी है।

राज्य सरकार ने फसल की हानि के आंकड़े का संचालन नहीं किया है। पुरोहित ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार राजनीति खेलते हुए किसानों की बजाए बीजद सदस्यों को कृषि किफायती सब्सिडी दे रही है।

उन्होंने कहा, धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,550 रुपये है, लेकिन किसानों को अब भी धान को 1,200 से 1,300 रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए मजबूर किया जाता है। किसानों को कम गुणवत्ता वाली कीटनाशक दवाईयां उपलब्ध कराई जाती हैं, जो उनकी परेशानियां बढ़ा रही हैं। इन परेशानियों का जवाब बीजद को इस विधानसभा में देना चाहिए।

बीजद के सदस्यों ने कांग्रेस पर केंद्र पर धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि के लिए राज्य द्वारा की गई मांग को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। बीजद सदस्य अमर सतापथी ने कहा, न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुद्दे के बारे में सदन समिति ने अध्यक्ष के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक की मांग की गई है। दुखद बात यह है कि मोदी ने हमें मिलने का समय नहीं दिया।

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